107 वर्षीय बुजुर्ग के कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण, गिनीज बुक में दर्ज होगा रिकॉर्ड
प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने 107 वर्षीय बुजुर्ग की सर्जरी कर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के एक अस्पताल के डॉक्टरों ने पिछले दिनों 107 उम्र के बुजुर्ग के कूल्हे प्रत्यारोपण किया था। अब इन डॉक्टरों ने गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है। डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया में इससे ज्यादा उम्र के किसी बुजुर्ग के कूल्हे का प्रत्यारोपण नहीं किया गया है। अस्पताल के डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया में पहली बार इतनी अधिक उम्र के बुजुर्ग की अनसीमेंटेड हेमीऑर्थोप्लास्टी कर कूल्हे का हिस्सा बदला गया। गिनीज बुक में अभी तक 102 वर्षीय बुजुर्ग का पूरा कुल्हा बदलने का रिकार्ड दर्ज है।
प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के ट्रॉमा प्रमुख और ऑर्थोपेडिक्स के विशेषज्ञ डॉ. कौशल कांत मिश्र और उनकी टीम ने जीएस सिंधु की सर्जरी की। डॉ. कौशल ने बताया कि इस उम्र में सर्जरी चुनौतीपूर्ण होती है। यह उन लोगों के लिए भी नजीर है, जो अधिक उम्र होने के कारण सर्जरी नहीं कराते। खास बात यह कि यह सर्जरी बुजुर्ग की इच्छा पर ही हुई। उनके कहने पर ही घर के लोग सर्जरी के लिए तैयार हुए। उन्हें मालूम था कि यदि सर्जरी नहीं हुई तो वह चल नहीं पाएंगे। ऐसे में उनके स्वस्थ के लिए खतरा हो सकता है। वह केंद्रीय गृह मंत्रलय से 31 मार्च 1971 में सेवानिवृत हुए थे। वह अपने नाती और परिवार के साथ दिल्ली में ही रहते हैं। चलते वक्त फर्श पर गिरने के कारण चोट लगने से उनके बाएं कूल्हे में फ्रैक्चर हो गया था।
डॉ. कौशल ने बताया कि जीएस सिंधु की सर्जरी १९ जनवरी को किया गया था। उनकी सर्जरी में 45 मिनट समय लगा। सर्जरी के 24 घंटे बाद ही हमने उन्हें पैरों पर खड़ा कर चला दिया था। 22 जनवरी को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। देश में इससे पहले इतनी अधिक उम्र के मरीज की सर्जरी नहीं हुई है। बता दें इंग्लैंड के वेस्ट यॉर्कशायर के ¨पडरफील्ड अस्पताल में नवंबर 2011 में 102 वर्षीय बुजुर्ग का कूल्हा प्रत्यारोपण हुआ था। यह गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज है।