Move to Jagran APP

Delhi AIIMS News 2021: एम्स में इमरजेंसी के दौरान हर वक्त मिलेंगे ‘भगवान’

Delhi AIIMS News 2021 एम्स प्रशासन का कहना है कि संस्थान के इमरजेंसी विभाग में नियुक्त डाक्टर हार्ट अटैक व स्ट्रोक के शुरुआती इलाज के लिए प्रशिक्षित होते हैं। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कार्डियोलाजी व न्यूरोलाजी के रेजिडेंट डाक्टर फोन करके तुरंत बुला लिए जाते हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 13 Aug 2021 08:22 AM (IST)Updated: Fri, 13 Aug 2021 08:53 AM (IST)
Delhi AIIMS News 2021: एम्स में इमरजेंसी के दौरान हर वक्त मिलेंगे ‘भगवान’
Delhi AIIMS News 2021: एम्स में इमरजेंसी के दौरान हर वक्त मिलेंगे ‘भगवान’

नई दिल्ली [रणवजिय सिंह]। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बड़ा बदलाव हुआ है, जिसके बाद इमरजेंसी में हर वक्त धरती के भगवान यानी डाक्टर मिलेंगे। ब्रेन हेमरेज और हार्टअटैक से पीड़ित मरीजों की जान बचाने में धरती के भगवान यानी डाक्टरों की अहम भूमिका होती है। हालांकि, दिल्ली के एम्स जैसे अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचने के बाद भी इन मरीजों को डाक्टर का इंतजार करना पड़ता है। इसकी वजह यह है कि यहां मरीज पहुंचने पर डाक्टर को काल करके बुलाना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ कमेटी ने अब इमरजेंसी में कार्डियोलोजी व न्यूरोलाजी के रेजिडेंट डाक्टर नियुक्त करने की जरूरत महसूस की है। छह अगस्त को फैकल्टी सेल ने इस संबंध में निर्देश जारी कर कमेटी की सिफारिश पर अमल करने का निर्देश जारी किया है। यदि इस पर अमल हुआ तो इमरजेंसी में 24 घंटे दिल व न्यूरो के डाक्टर मौजूद रहेंगे।

loksabha election banner

हार्ट अटैक के मरीजों के लिए शुरुआती एक घंटे को गोल्डन आवर माना जाता है। इसके बाद इलाज में हर मिनट की देरी दिल की मांसपेशियों पर भारी पड़ती है। इसी तरह स्ट्रोक के इलाज के लिए शुरुआती तीन घंटे का समय महत्वपूर्ण मना जाता है।

एम्स के एक वरिष्ठ डाक्टर ने कहा कि एक तो मरीज को अस्पताल पहुंचने में ही काफी समय लग जाता है। इमरजेंसी में पहुंचने के बाद भी फोन करके रेजिडेंट डाक्टर को बुलाने और डाक्टर के पहुंचने में कुछ समय बर्बाद होता है। ऐसे में सही समय पर गंभीर मरीजों को इलाज मिल पाना मुश्किल होता है। वैसे भी एम्स की इमरजेंसी में विभिन्न बीमारियों के मरीजों की काफी भीड़ होती है। यदि इमरजेंसी में कार्डियोलाजी व न्यूरोलाजी के डाक्टर मौजूद रहेंगे तो हार्ट अटैक व स्ट्रोक के मरीजों की स्क्रीनिंग कर प्रमुखता से इलाज किया जा सकता है। इसके लिए कार्डियोलाजी व न्यूरोलाजी के विभागाध्यक्षों से इमरजेंसी के लिए विभाग में अतिरिक्त रेजिडेंट डाक्टर नियुक्त करने की बात कही गई है।

इस बाबत एम्स प्रशासन का कहना है कि संस्थान के इमरजेंसी विभाग में नियुक्त डाक्टर हार्ट अटैक व स्ट्रोक के शुरुआती इलाज के लिए प्रशिक्षित होते हैं। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कार्डियोलाजी व न्यूरोलाजी के रेजिडेंट डाक्टर फोन करके तुरंत बुला लिए जाते हैं। कमेटी की सिफारिश आगे किस तरह लागू होगी यह अभी बाद में स्पष्ट होगा।

सफदरजंग अस्पताल में हार्ट कमांड शुरू

सफदरजंग अस्पताल में 500 बेड का इमरजेंसी सेंटर होने के बावजूद सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में 24 बेड का हार्ट कमांड सेंटर बनाया गया है। ताकि हार्ट अटैक के मरीज इमरजेंसी में ना जाकर सीधे हार्ट कमांड सेंटर में पहुंच सकें। सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में कोरोना के इलाज की व्यवस्था होने के कारण दूसरी लहर के दौरान हार्ट कमांड सेंटर को बंद करना पड़ा था। अब इसे खोल दिया गया है। एम्स में दिल व न्यूरो की बीमारियों के लिए कार्डियक व न्यूरो सेंटर है, पर इसमें हार्ट कमांड जैसी सुविधा नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.