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Coronavirus: कोरोना संक्रमित डॉक्टर की मौत, गंगा राम अस्पताल में चल रहा था इलाज

कोरोना संक्रमित जूनियर रेजिडेंस डॉक्टर जोगेंद्र चौधरी की इलाज के दौरान मौत हो गई। वह कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 01:14 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 01:14 PM (IST)
Coronavirus: कोरोना संक्रमित डॉक्टर की मौत, गंगा राम अस्पताल में चल रहा था इलाज
Coronavirus: कोरोना संक्रमित डॉक्टर की मौत, गंगा राम अस्पताल में चल रहा था इलाज

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रोहिणी स्थित अम्बेडकर अस्पताल के जूनियर रेजिडेंस डॉक्टर जोगेंद्र चौधरी कोरोना से अपनी जिंदगी नही बचा सके। शनिवार रात उनकी मौत हो गई। निजी अस्पताल सर गंगा राम अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा था ।

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बता दें कि 27 वर्षीय डॉ जोगेंद्र को कोरोना होने की पुष्टि 27 जून को हुई थी। उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 8 जुलाई को डॉ जोगेंद्र के परिजनों ने निजी अस्पताल सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर शनिवार देर रात उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उनकी तबियत में कई दिनों से कोई सुधार नही जो रहा था। वह कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

इलाज के खर्चे को लेकर साथी डॉक्टरों ने की थी मदद

डॉक्टर जोगेंद्र का उपचार निजी अस्पताल में चल रहा था और डॉक्टर की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी। इसलिए अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज ले लिए पैसे जुटाए थे। इसके अलावा डॉक्टर के पिता ने गंगा राम अस्पताल प्रशासन को पत्र लिख कर इलाज में राहत देने की मांग की थी। जिस पर अस्पताल प्राशासन ने राहत देने की बात भी कही थी।

कोरोना योद्धा अरुण के परिवार को दी एक करोड़ की सहायता

द्वारका सब-डिवीजन कार्यालय में तैनात सिविल डिफेंस वॉलेंटियर अरुण कुमार (48) की कोरोना संक्रमण से हुई मौत के बाद उनके स्वजन को एक करोड़ रुपये की सहायता देने शनिवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल उनके घर राजापुरी पहुंचे। यहां उन्होंने अरुण के पिता देवराज सिंह, पत्नी इंदु सिंह, बेटी अंजलि व बेटे सुजल से मुलाकात की और उनके दर्द को साझा किया।

मुख्यमंत्री ने अरुण को मेहनती और काम के प्रति ईमानदार शख्स बताते हुए कहा कि उन्हें हम सभी नमन करते हैं। मुख्यमंत्री ने यहां सभी को आश्वासन दिया कि अरुण की मृत्यु के बाद बच्चों की पढ़ाई बिल्कुल प्रभावित नहीं होगी और कहा कि अंजलि की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें सरकारी नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने इंदु सिंह को 60 लाख रुपये का और पिता देवराज सिंह को 40 लाख रुपये का चेक सौंपा। इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, क्षेत्रीय विधायक भावना गौड़, द्वारका विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय मिश्र, दक्षिणी-पश्चिमी जिला उपायुक्त राहुल सिंह, द्वारका मौजूद थे।


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