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Delhi Metro Phase 4: यमुना नदी पर 5वें मेट्रो पुल का निर्माण कार्य शुरू, DMRC ने दी जानकारी

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने यमुना नदी पर 5वें मेट्रो पुल पर प्रारंभिक कार्य शुरू किया है। यह लाइन दिल्ली मेट्रो के फेज 4 के मजलिस पार्क- मौजपुर कॉरिडोर से आ रही है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 01:22 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 01:22 PM (IST)
Delhi Metro Phase 4: यमुना नदी पर 5वें मेट्रो पुल का निर्माण कार्य शुरू, DMRC ने दी जानकारी
Delhi Metro Phase 4: यमुना नदी पर 5वें मेट्रो पुल का निर्माण कार्य शुरू, DMRC ने दी जानकारी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फेज चार में यमुना पर दिल्ली मेट्रो के पांचवे पुल का निर्माण शुरू हो गया है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर पर इसका निर्माण करा रहा है, जो ओल्ड वजीराबाद पुल व सिग्नेचर ब्रिज के बीच बनेगा। यह वजीराबाद पुल से 385 मीटर व सिग्नेजर ब्रिज से 213 मीटर की दूरी पर होगा। इस तरह यह सिग्नेचर ब्रिज से ज्यादा नजदीक होगा। खास बात यह है कि यह पुल केंटीलीवर तकनीक से बनेगा। इसलिए देखने में भी आकर्षक दिखेगा। साथ ही इस कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होने पर इस पुल से मेट्रो के गुजरते वक्त सिग्नेचर ब्रिज की खूबसूरती नजर आएगी।

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इसके पहले यमुना पर दिल्ली में चार पुल बने हैं। डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (जनसंपर्क) अनुज दयाल ने कहा कि पहली बार यमुना पर केंटीलीवर तकनीक से पुल का निर्माण हो रहा है। इसका फायदा यह होगा कि पुल के लिए यमुना में कम पीलर का निर्माण करना पड़ेगा। इसलिए पुल के निर्माण में 60 से 80 मीटर लंबे खंड (स्पैन) का इस्तेमाल होगा। केंटीलीवर सुदृढ़ संरचनात्मक आधार होता है। पुल के खंड इस केंटीलीवर के सहारे एक तरफ से मजबूती से जुड़े रहेंगे। इसके पहले यमुना पर बने किसी पुल में इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

दरअसल, यमुना में अधिक पीलर के निर्माण होने से नदी की जलधारा प्रभावित होती है। इस वजह से पुल के निर्माण में इस तकनीक का इस्तेमाल होगा। इससे पुल के पूरे हिस्से पर सिर्फ नौ पीलर बनाए जाएंगे। यह पुल मजिलस पार्क-मौजपूर कॉरिडोर के सूरघाट व सोनिया विहार मेट्रो स्टेशन को जोड़ेगा।

डीएमआरसी का कहना है कि बिल्डिंग इंफार्मेशन मॉडलिंग (बीईएम) तकनीक का उपयोग करके इसकी डिजाइन तैयार की है। फेज चार की परियोजनाओं की डिजाइन तैयार करने के लिए डीएमआरसी के अभियंता इस तनकीक का सहारा ले रहे हैं। क्योंकि कोरोना के संक्रमण के कारण इन दिनों बैठक करके डिजाइन पर चर्चा करना अधिकारियों के लिए अधिक संभव नहीं होता। ऐसे में यह तकनीक 3डी मॉडल तैयार कर डिजाइन तैयार करने में मददगार बन रही है। इस पुल के निर्माण के लिए सभी संबंधित एजेंसियों से स्वीकृति मिल चुकी है।


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