Diwali 2020: महिला खरीदारों को लुभा रहे मिट्टी के दीपक, छोटे दुकानदारों को मिल रहा अच्छा रिस्पांस
मार्केट में जहां भी छोटे-छोटे कारीगर अपनी दुकान लगाए हैं वहां महिला खरीदार अधिक नजर आ रही हैं। महिलाएं अपने लिए चुन-चुनकर दीपों को इकट्ठा कर रही हैं और उनकी वाजिब कीमत भी दे रहीं हैं। प्लेन और रंगाई की गई मिट्टी के दीपों के दाम अलग-अलग हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। स्वदेशी वस्तुएं हमेशा से ही लोगों को लुभाती आई हैं। इस दीपावली भी लोग बढ़-चढ़कर स्वदेशी वस्तुओं की ओर खींचे चले जा रहे हैं, जिसमें सबसे अधिक मिट्टी के दीपक और अन्य वस्तुएं खूब लुभा रही हैं। विदेशी सामानों का तेजी से बहिष्कार हो रहा है। ऐसे में जब घर की सजावट और पूजा के लिए खरीदारी करने महिलाएं निकली तो उन्हें भी यह सुंदर और सलोने दीपक आकर्षित दिख रही हैं।
छोटे-छोटे कारीगरों को मिल रहे अच्छे खरीदार
मार्केट में जहां भी छोटे-छोटे कारीगर अपनी दुकान लगाए हैं वहां महिला खरीदार अधिक नजर आ रही हैं। महिलाएं अपने लिए चुन-चुनकर दीपों को इकट्ठा कर रही हैं और उनकी वाजिब कीमत भी दे रहीं हैं। प्लेन और रंगाई की गई मिट्टी के दीपों के दाम अलग-अलग हैं। करीने से सजाए गए इन दीपों की बात ही निराली है और महिलाएं भी इस बात को बखूबी जानती हैं। इन सबसे अच्छी बात है कि पीएम मोदी ने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया है जिसका लोग पालन कर रहे हैं।
सजावट के लिए मिट्टी के दीप ही प्रयोग में ला रहे
रोहिणी सेक्टर 5 निवासी प्रेमलता ने बताया कि वह हर वर्ष घर में दीवाली पूजा व घर की सजावट के लिए मिट्टी के दीप ही प्रयोग में लाती हैं। क्योंकि यह मिट्टी के दीप शुभ है। जब बात स्वदेशी की हो तो इससे बेहतर और कुछ भी नहीं। वह कहती हैं कारीगर जब चाक पर मिट्टी के दीये बनाते हैं तो वह अपने सपनों को आकार देते हैं। वहीं शालीमार बाग निवासी सुचेता सिंह ने बताया कि उन्हें मिट्टी के दीपक बहुत पसंद हैं।
शोभा ही होती है अलग
वह दीवाली के अलावा अन्य दिनों में भी पूजा के लिए इसकी खरीदारी करती हैं। उनके अनुसार घर में मिट्टी के दीप जलाने से उसकी शोभा अलग ही होती है और अब तो इसमें भी कई आकार, रंग और वैरायटी मिलने लगी है तो भला कोई दूसरी चीज क्यों ले। सावित्री और उनकी बहन सरित मिट्टी के दीये जलाने के लिए दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं और उन्हें अच्छी मिट्टी के दीपों के दुकान का पता देने में मदद कर रहे हैं।
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