नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला रखा सुरक्षित
दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ ने नेशनल हेराल्ड मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस केस में एसोसिएटेड जर्नल्स की तरफ से सिंगल बेंच के खिलाफ अपील दायर की थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली करने के दिल्ली हाई कोर्ट के एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा जिरह पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षा रखा है।
मुख्य पीठ ने इस दौरान एजेएल व केंद्र सरकार को तीन दिन के अंदर अपना लिखित बयान पेश करने का आदेश दिया है। दोनों के लिखित बयान के बाद मुख्य पीठ अपना फैसला सुनाएगी। यंग इंडिया में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व सोनिया गांधी शेयर होल्डर हैं। एजेएल ने एकल पीठ द्वारा 21 दिसंबर को इमारत को खाली करने के आदेश को चुनौती देते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी।
अदालत में किसने क्या कहा
पिछली तारीख पर एजेएल की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि 100 फीसद शेयर होल्डर होने के बावजूद भी शेयर होल्डर किसी कंपनी का मालिक नहीं हो सकता। जबकि केंद्र सरकार ने कहा था कि जिस तरह से शेयर ट्रांसफर हुए हैं उस पर अदालत को ध्यान देना चाहिए। एजेएल को लीज पर भूमि प्रिंटिंग प्रेस के लिए दी गई थी, जबकि वहां पर प्रिंटिंग कई साल पहले ही बंद हो चुकी है। एजेएल ने चुनौती याचिका में कहा कि एकल पीठ को मामले में औपचारिक नोटिस जारी कर शपथ पत्र के जरिए केंद्र सरकार का जवाब मांगना चाहिए था। एकल पीठ ने तथ्यों की जानकारी और मौजूदा स्थिति की अनदेखी की है। अपने आदेश में एकल पीठ ने कहा कि एजेएल को यंग इंडिया ने हाइजैक कर लिया था।
यह है मामला
एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है। कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ की देनदारी अपने जिम्मे ले ली थी। यानी कंपनी को 90 करोड़ का लोन दिया। इसके बाद पांच लाख में यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया व राहुल की हिस्सेदारी 38-38 व शेष कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा व ऑस्कर फर्नाडीज के पास है। बाद में एजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर यंग इंडियन को दिए गए। बदले में यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था। नौ करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को कंपनी के 99} शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। यानी यंग इंडियन को मुफ्त में एजेएल का स्वामित्व मिल गया।
क्या है नेशनल हेराल्ड
नेशनल हेराल्ड भी उन अखबारों की श्रेणी में है, जिसकी बुनियाद आजादी के पूर्व पड़ी। हेराल्ड दिल्ली एवं लखनऊ से प्रकाशित होने वाला अंग्रेजी अखबार था। 1938 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार की नींव रखी थी। इंदिरा गांधी के समय जब कांग्रेस में विभाजन हुआ तो इसका स्वामित्व इंदिरा कांग्रेस आई को मिला। नेशनल हेराल्ड को कांग्रेस का मुखपत्र माना जाता है। आर्थिक हालात के चलते 2008 में इसका प्रकाशन बंद हो गया। उस वक्त वह कांग्रेस की नीतियों के प्रचार प्रसार का मुख्य स्रोत था।
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