Waterlogging in Delhi: दो अंडरपास पर तैनात हुए गोताखोर ताकि जलभराव से न जाए कोई जान
अंडरपास में जलभराव के बाद लोगों के डूबने की घटनाओं के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दो मिंटो ब्रिज और पुल प्रहलादपुर अंडरपास पर चौबीस घंटे के लिए तीन-तीन गोताखोर लगाए गए हैं। जो आठ-आठ घंटे की ड्यूटी पर तैनात रहेंगे।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। अंडरपास में जलभराव के बाद लोगों के डूबने की घटनाओं के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दो मिंटो ब्रिज और पुल प्रहलादपुर अंडरपास पर चौबीस घंटे के लिए तीन-तीन गोताखोर लगाए गए हैं। जो आठ-आठ घंटे की ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। इन्हें लाइफ जैकेट भी दी गई हैं। पुल प्रहलादपुर अंडरपास पर दो नाव भी तैनात की गई हैं। इसके अलावा पानी बढ़ने पर लोगों को रोकने के लिए लोहे की एक चैन उपलब्ध कराई गई है। जो पानी के बढ़ने पर सडक पर बांध दी जाएगी। विभाग ने इस बार सात स्थानों को चुना है, जहां ज्यादा जलभराव होता है।
पीडब्ल्यूडी सचिव दिलराज कौर ने बताया कि शहर में मिंटो ब्रिज और पुल प्रहलादपुर समेत करीब सात अतिसंवेदनशील जगह हैं। इन स्थानों पर स्वचालित पंप लगाए जाएंगे और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यहां कर्मचारी भी बढ़ाए गए हैं। अतिरिक्त रखरखाव वैन लगाइ गई हैं। इसके अलावा कई अन्य अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान किए जा रहे हैं। कई उपाय कर रहे हैं, ताकि अगले मानसून इन जगहों पर जलभराव नहीं हो।
जलभराव का मुख्य कारण क्षेत्र की बनावट
दिलराज कौर के मुताबिक इन स्थानों पर जलभराव का मुख्य कारण क्षेत्र की बनावट और क्षेत्रों में खराब जल निकासी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अनियोजित विकास को देखते हुए दिल्ली में जल निकासी की व्यवस्था अपर्याप्त है। राष्ट्रीय राजधानी में नालियों को केवल 50 मिमी की बारिश के पानी की तीव्रता के लिहाज से तैयार किया गया है, लेकिन इस साल शहर में जुलाई में बहुत अधिक बारिश हुई है, जिसके कारण जलभराव हुआ।
दीर्घकालीन समाधान
दिलराज कौर ने बताया कि पुल प्रह्लादपुर अंडरपास पर अल्पकालिक उपाय के रूप में आठ अतिरिक्त पंप और सात सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मिंटो रोड अंडरपास में इस साल जलभराव नहीं हुआ, क्योंकि दीर्घकालीन उपायों के तहत वहां पर एक नाले का निर्माण किया गया है। इसके अलावा वाटर अलार्मिग सिस्टम भी लगाया गया है, जो अंडरपास में पानी जमा होने पर कर्मचारियों को संदेश देगा। यह स्वचालित पंप भी लगाए गए हैं। भविष्य में यह व्यवस्था सभी अंडरपास में की जाएगी।
पीडब्ल्यूडी की जलभराव से निपटने की तैयारी
581 स्थायी पंप लगाए हैं
336 अस्थायी पंप लगाए हैं
69 मोबाइल पंप लगाए गए हैं
15 जून से पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में चल रहा मानसून नियंत्रण कक्ष
10 संवेदनशील स्थानों से नियंत्रण कक्ष में सीसीटीवी कैमरे की लाइव फीड उपलब्ध
147 संवेदनशील स्थान चिह्न्ति किए गए हैं इस बार