Move to Jagran APP

ड्रेनेज का दमः मास्टर प्लान में छिपा है समाधान, मूल सिद्धांत न अपनाना बाढ़ की मुख्य वजह

बारिश का पानी बहुत तेजी से निचले इलाकों में फैलने लगता है जहां लोगों को नुकसान बचाने का बेहद कम समय मिल पाता है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 05:25 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 05:25 PM (IST)
ड्रेनेज का दमः मास्टर प्लान में छिपा है समाधान, मूल सिद्धांत न अपनाना बाढ़ की मुख्य वजह
ड्रेनेज का दमः मास्टर प्लान में छिपा है समाधान, मूल सिद्धांत न अपनाना बाढ़ की मुख्य वजह

नई दिल्ली। हरी जलभराव और बाढ़ की मुख्य वजह शहरी नियोजन के मूल सिद्धांतों को न अपनाया जाना है। शहर के विकास के दौरान कच्ची और पक्की सतहों का औसत संतुलित रखना चाहिए। कच्ची सतह यानी जहां का पानी धरती सोख सके और पक्की सतह जहां से पानी का धरती में समाना मुश्किल है। जब शहर में कच्ची सतहों जैसे, वनस्पति उद्यानों, कृषि योग्य भूमि, शहरी वानिकी, खुली जगह, जलाशय, पार्क आदि की कमी हो जाती है तब बारिश का पानी पक्की सतहों की तरफ बढ़ जाता है और वहां से वह धरती में लगभग न के बराबर प्रवेश कर पाता है।

loksabha election banner

बारिश का पानी बहुत तेजी से निचले इलाकों में फैलने लगता है, जहां लोगों को नुकसान बचाने का बेहद कम समय मिल पाता है। मास्टर प्लान से डूब क्षेत्र का जोन के आधार पर नियोजन व उससे संबंधित विकास को नियंत्रित करके इस खतरे को कम किया जा सकता है। शहर के अन्य इलाकों में होने वाले जलभराव के लिए जल आधारित शहरी नियोजन को व्यापक सफलता मिली है। खासकर मेलबर्न, एम्सटर्डम, लॉस एंजिलिस व सिंगापुर आदि शहरों में जो वाटर लीडर के रूप में जाने जाते हैं।

नालों के किनारों पर बफर जोन घोषित हो 

आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र का मास्टर प्लान भी एक अच्छा उदाहरण है, जिसमें नियोजन के दौरान उन इलाकों पर विशेष ध्यान दिया गया है जहां जलभराव की समस्या रहती है। निरंतर व एकीकृत ब्ल्यू-ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर भी लंबे समय तक जलभराव की समस्या से निजात दिला सकते हैं। ब्ल्यू-ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रणाली के तहत भवनों के निर्माण में हरियाली व प्राकृतिक जलस्नोतों को भी स्थान दिया जाता है। शहर के भीतर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। नालों के किनारों पर बफर जोन घोषित हो और वहां किसी भी प्रकार के निर्माण की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।

(हितेश वैद्य, निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स, नई दिल्ली)

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.