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प्रतिबंध के बावजूद ढाबों पर तंदूर में सुलग रही लकड़ी और कोयला, ग्रेप के नियमों का नहीं हो रहा पालन

लक्ष्मीनगर प्रियादर्शनी विहार के पास भजनपुरा खुरेजी आनंद विहार पटपड़गंज शकरपुर मंडावली मधु विहार जाफराबाद बाबरपुर समेत कई इलाकों में संचालित ढाबों में कोयले और लकड़ी की आंच से तंदूर को गर्म कर रोटियां सेकी जा रही हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 04:39 PM (IST)
प्रतिबंध के बावजूद ढाबों पर तंदूर में सुलग रही लकड़ी और कोयला, ग्रेप के नियमों का नहीं हो रहा पालन
सरकारी महकमों की सुस्ती की वजह से प्रदूषण की रोकथाम के लिए लागू ग्रेप प्रभावी नहीं हो पा रहा।

नई दिल्ली, आशीष गुप्ता। ग्रेप लागू होने के बावजूद ढाबों पर तंदूर में कोयला और लकड़ी सुलग रही है। कबाब भी कोयले की आंच पर पकाया जा रहा है। सरकारी महकमों की सुस्ती की वजह से प्रदूषण की रोकथाम के लिए लागू ग्रेप प्रभावी नहीं हो पा रहा।

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इन इलाकों में उड़ रही नियमों की धज्‍जियां

लक्ष्मीनगर, प्रियादर्शनी विहार के पास, भजनपुरा, खुरेजी, आनंद विहार, पटपड़गंज, शकरपुर, मंडावली, मधु विहार, जाफराबाद, बाबरपुर समेत कई इलाकों में संचालित ढाबों में कोयले और लकड़ी की आंच से तंदूर को गर्म कर रोटियां सेकी जा रही हैं।

ढाबों में कोयले और लकड़ी का नहीं दिख रहा कोई विकल्‍प

इन ढाबों पर कोयले और लकड़ी का विकल्प भी नहीं है। कई ढाबा संचालक तो प्रतिबंध के बारे में जानते हुए ग्रेप का उल्लंघन कर रहे हैं। उनका कहना है कि तंदूर को बंद कर देंगे तो उनका ढाबा नहीं चल पाएगा।

कुछ ढाबा संचालक ग्रेप से हैं अनजान
कुछ संचालक ऐसे भी हैं, जो ग्रेप से अनभिज्ञ हैं। वह जानते ही नहीं कि तंदूर में कोयला और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध है। वहीं, सरकारी महकमों की बात करें तो ग्रेप को प्रभावी बनाने के लिए वह भी सक्रिय नहीं है।

सड़कों की धूल उड़ कर आबोहवा को कर रही दूषित

सड़कों के किनारे जमा धूल उड़ कर पर्यावरण को प्रदूषित कर रही है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम मुख्य सड़कों पर तो स्प्रिंकलर गाड़ियों से छिड़काव करा रहा है। गाजीपुर थाने के सामने वाली सड़क की तरह कई अंदरूनी सड़कों पर इस तरह की कवायद तो दूर सफाई तक ठीक से नहीं हो रही। आते-जाते वाहनों की तेज रफ्तार से धूल उड़ कर आबोहवा को दूषित कर रही है।

क्‍या है ग्रेडेड रिस्‍पांस एक्शन प्लान

दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार इस बार काफी सख्‍ती दिखा रही है। लगातार जहरीली हो रही हवा को स्‍वच्‍छ और साफ रखने के मद्देनजर 15 अक्‍टूबर बृहस्पतिवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) को लागू कर दिया गया है। इस  ग्रेप के तहत कई किश्‍म की पाबंदियां लग जाती हैं। जैसे डीजल के जेनरेटर पर रोक। प्लास्टिक, रबड़ और प्रतिबंधित ईंधन के इस्तेमाल पर रोक। इसके साथ ही कोयला और लकड़ी को जलाने पर प्रतिबंध रहता है। इस बार ग्रेप (GRAP) अगले साल 15 मार्च तक प्रभावी रहेगा। ईपीसीए की तरफ से दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को साफ कह दिया गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार ग्रेप के क्रियान्वयन में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

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