दिल्ली- NCR में तेजी से बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप, इस जानलेवा बुखार से कैसे करें बचाव और क्या बरतें सावधानी
Delhi NCR Dengue Case दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में डेंगू के 283 केस सामने आए हैं। हालांकि एमसीडी की ओर से डेंगू की रोकथाम के लिए कई तरह के अभियान चला रखें हैं इसके बाद भी डेंगू बेकाबू हो रहा है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Delhi NCR Dengue Case: दिल्ली एनसीआर में लगातार डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है। राजधानी में पिछले एक सप्ताह में डेंगू के 283 केस सामने आए हैं। हालांकि एमसीडी की ओर से डेंगू की रोकथाम के लिए कई तरह के अभियान चला रखें हैं इसके बाद भी डेंगू बेकाबू हो रहा है। वहीं दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा में भी डेंगू के काफी मामले सामने आ रहें है। गाजियाबाद में इस साल 15 नवंबर तक डेंगू के कुल 737 मरीज मिले और मौत का पहला मामला दर्ज किया गया। इसी तरह नोएडा और गुरुग्राम में भी डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहें हैं। आइए जानते हैं कि डेंगू बुखार कितने तरह का होता है और इस बुखार की चपेट में आने से खुद को कैसे बचाया जा सकता है।
तीन तरह से हमला करता है डेंगू बुखार
दरअसल हर साल डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है और इनमें से कुछ की तो मृत्यु तक हो जाती है। डेंगू के बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। मच्छर के द्वारा संचारित होने वाला यह बुखार कभी-कभी घातक भी सिद्ध होता है। इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं, हालांकि यदि इनकी समय पर पहचान कर ली जाये तब इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है। चिकित्सकों की माने तो डेंगू बुखार का बुखार तीन तरह का होता है। क्लासिकल यानी साधरणद्ध डेंगू बुखार, दूसरा डेंगू हॅमरेजिक बुखार और तीसरा डेंगू शॅाक सिन्ड्रोम होता है।
क्लासिकल साधरण डेंगू
- ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना ।
- मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना ।
- आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है ।
- अत्यधिक कमजोरी लगना, भूख में बेहद कमी तथा जी मितलाना
- मुँह के स्वाद का खराब होना ।
- गले में हल्का सा दर्द होना
- रोगी बेहद दुःखी तथा बीमार महसूस करता है
- ज्यादातर मामलों मे रोगियों को साधरण डेंगू बुखार ही होता है।
डेंगू हॅमरेजिक बुखार
- नाक, मसूढों से खून जाना, शौच या उल्टी में खून जाना।
- त्वचा पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बडे चिकत्ते पड जाना आदि।
शाक सिन्ड्रोम
- रोगी अत्यधिक बेचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद भी उसकी त्वचा
ठंडी महसूस होती है।
- रोगी धीर- धीरे होश खोने लगता है।
- यदि रोगी की नाड़ी देखी जाए तो वह तेज और कमजोर महसूस होती है।
- रोगी का रक्तचाप ब्लड प्रेशर कम होने लगता है।
सामान्य रूप से देखे जाने वाले डेंगू के लक्षण
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- शरीर पर पड़ने वाले लाल निशान जो थोड़े समय बाद ठीक होने के बाद पुनः वापस भी आ जाते हैं
- तेज़ बुखार
- बहुत तेज़ सिर दर्द
- आँखों के पीछे दर्द
- उल्टी आना और चक्कर महसूस होना
डेंगू से बचाव के उपाय
- अपने रहने की जगह और उसके आस पास के इलाकों में सफाई का ध्यान रखना चाहिए। अपने आसपास की जगहों को साफ करके रखने से आप मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं।
- किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं होना हो उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें । गमलों के पानी को हर हफ्ते बदलते रहें।
- मेनहोल, सेप्टिक टैंक, रुकी हुई नालियाँ और कुएं आदि जगहों को नियमित रूप से चेक करते रहें।
- मच्छर मारने वाली मशीन और जाली का उपयोग करें।
- मच्छरों से बचाव के लिए सबसे पहले तो जब भी आप घर से बाहर जाएँ मच्छर से बचाव वाली क्रीम का उपयोग करें और सोने के मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
- यदि आप यहाँ बताए गए किसी भी लक्षण को देखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बताए गए उपचार का निर्देशानुसार पालन करें।