राहुल गांधी से माफी की मांग पर अड़े सिख, कांग्रेस मुख्यालय पर किया प्रदर्शन
1984 के सिख विरोधी दंगा के आरोपी नेताओं को उपवास में शामिल कर सिखों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष इसके लिए सिखों से माफी मांगें और दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर करें।
नई दिल्ली [जेएनएन]। राजघाट पर सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उपवास में पूर्व मंत्री जगदीश टाइटलर और पूर्व सांसद सज्जन कुमार के शामिल होने से नाराज सिखों ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगा के आरोपी नेताओं को उपवास में शामिल कर सिखों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष इसके लिए सिखों से माफी मांगें और दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर करें।
हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी
शिरोमणी अकाली दल (शिअद बादल), दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) सहित अन्य सिख संगठनों के कार्यकर्ता मंगलवार को नारेबाजी करते हुए कांग्रेस मुख्यालय की ओर बढ़ने लगे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय से पहले ही रोक लिया। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर पुलिस तुगलक रोड थाना में ले गई जहां से बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
सियासी संरक्षण देने का प्रयास
इससे पहले डीएसजीपीसी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके और महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने गांधी परिवार पर सिखों की हत्या के कथित आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। जीके ने कहा कि 1984 सिख विरोधी दंगे पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है। ऐसा कहकर उन्होंने हत्या करने वालों का बचाव किया था। वहीं, उनके बेटे ने आरोपियों को सियासी संरक्षण देने का प्रयास किया है।
टाइटलर और सज्जन कुमार का फूंका पुतला
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पर दलितों और अल्पसंख्यकों के नाम पर सियासी ड्रामा करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने टाइटलर और सज्जन कुमार का पुतला भी फूंका। प्रदर्शन में डीएसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह हित, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, धर्मप्रचार कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह राणा, कमेटी के सदस्य विक्रम सिंह रोहिणी, सर्वजीत सिंह विर्क, अकाली नेता हरबख्शीस सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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