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दिल्ली में भी जल शक्ति मंत्रालय की अधिसूचना लागू करने की मांग

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य डा. अनिल गुप्ता ने आप सरकार से केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की उस अधिसूचना को दिल्ली में भी लागू करने की मांग की है जिसे देश के 24 राज्यों ने अंगीकार कर लिया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 01:15 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 01:22 PM (IST)
दिल्ली में भी जल शक्ति मंत्रालय की अधिसूचना लागू करने की मांग
फ्रेंडस कालोनी औैद्योगिक क्षेत्र के चेयरमैन भी हैं।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य डा. अनिल गुप्ता ने आप सरकार से केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की उस अधिसूचना को दिल्ली में भी लागू करने की मांग की है जिसे देश के 24 राज्यों ने अंगीकार कर लिया है। यह अधिसूचना विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं को जमीन से पानी निकालने के लिए किसी भी तरह की पूर्वानुमति या अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की बाध्यता से मुक्त करती है।

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डा. गुप्ता, जो फ्रेंडस कालोनी औैद्योगिक क्षेत्र के चेयरमैन भी हैं, ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय और केंद्रीय भूजल प्राधिकरण द्वारा यह अधिसूचना 24 सितंबर 2020 को जारी की गई थी। इसके तहत घरेलू उपभोक्ता- ग्रामीण या शहरी, ग्रामीण पेयजल योजना, सेना के परिसर में, कृषि उपयोग के लिए तथा सूक्ष्म व लघु इकाइयों जोकि 10 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन तक जमीन से पानी निकालती हैं, को विशेेष छूट दी गई है। उन्होंने बताया कि इस अधिसूचना को लागू करने पर घरेलू, कृषि एवं ल्धु इकाइयों की पानी की जरूरतें बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के पूरी हो जाती हैं।

डा. गुप्ता के मुताबिक जिन इलाकों में अभी तक पानी की लाइनें नहीं बिछी हैं, वहां भी केंद्र की यह अधिसूचना खासी फायदेमंद है। वहां बोरवैल के जरिए पानी की आपूर्ति की जा सकती है। वह कहते हैं कि देश के 24 राज्यों ने यह अधिसूचना अपने यहां लागू कर दी है। अगर दिल्ली सरकार भी इस अधिसूचना का हिस्सा बन जाए तो दिल्ली के लाखों लोगों की पानी की जरूरतें आसानी से पूरी हो सकेंगी। 

डॉ.गुप्ता उद्योगों को पानी मुहैया कराने के बारे में काफी समय पहले से काम कर रहे हैं। झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र में एसटीपी से निकलने वाले पानी का सदुपयोग करवाया जा रहा है। पानी का इस्तेमाल पूरे इलाके में लगाए गए पौधों को पानी देने में किया जाता है। इसके अलावा निर्माण के काम में भी यहां से निकलने वाले पानी को टैंकरों के जरिए बाहर भेजा जाता है। 

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