गणतंत्र दिवस की परेडः पिछले तीन साल से फेल दिल्ली सरकार के अफसर अभी से तैयार
गणतंत्र दिवस पर झांकी को शामिल किए जाने को लेकर रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव भरत खेड़ा द्वारा 23 मई को सभी राज्यों को पत्र भेजा गया था।
नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। 26 जनवरी को इंडिया गेट पर होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में झांकी शामिल होने को लेकर पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली का रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है। इस बार यानी 2018 में भी दिल्ली की झांकी शामिल नहीं हो सकी थी। मगर 2019 के लिए अभी से ही अधिकारियों ने कमर कस ली है। कला संस्कृति एवं भाषा विभाग की प्रधान सचिव मनीषा सक्सेना ने सभी विभागों से झांकी को लेकर सुझाव देने को कहा है। विभाग की इस बार हर हाल में दिल्ली की झांकी को शामिल कराने की तैयारी है।
गणतंत्र दिवस पर झांकी को शामिल किए जाने को लेकर रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव भरत खेड़ा द्वारा 23 मई को सभी राज्यों को पत्र भेजा गया था। इसी के तहत दिल्ली के मुख्य सचिव के पास भी पत्र आया है। जिसमें परेड में शामिल की जाने वाली झांकी के लिए प्रस्ताव और संक्षिप्त जानकारी मांगी गई है। इसे मंत्रलय के पास 31 जुलाई तक भेज दिया जाना है।
इसे लेकर मनीषा सक्सेना ने सभी विभागों से 5 विषयों को लेकर सुझाव मांगे हैं। जिसमें आर्थिक एवं सामाजिक विकास की योजनाएं, उसकी उपलब्धियां, पर्यावरण, भविष्य का नजरिया, त्योहार का दृश्य, दिल्ली का कोई ऐतिहासिक घटनाक्रम व सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत। जिनमें आम जनजीवन भी शामिल हो।
बता दें कि राजपथ पर वर्ष 2013 के बाद 2017 में गणतंत्र दिवस की परेड में दिल्ली की झांकी शामिल हो सकी थी। वर्ष 2013 में शामिल हुई झांकी में राजधानी की सांस्कृतिक विविधता को परिलक्षित किया गया था। उसके बाद 2014, 2015 और 2016 में लगातार तीन साल तक दिल्ली की झांकी का प्रस्ताव अस्वीकृत होता रहा।