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अब बस एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे दिल्ली के एतिहासिक दस्तावेज

दिल्ली अभिलेखागार में इस समय 10 करोड़ अभिलेख उपलब्ध हैं। पहले चरण में चार करोड़ अभिलेखों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 31 Aug 2017 07:30 PM (IST)Updated: Fri, 01 Sep 2017 03:31 PM (IST)
अब बस एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे दिल्ली के एतिहासिक दस्तावेज
अब बस एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे दिल्ली के एतिहासिक दस्तावेज

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेजों को कुछ महीने बाद आप भी ऑनलाइन देख सकेंगे। दिल्ली अभिलेखागार के पास 300 से 400 वर्ष पुराने दस्तावेज तथा 1870 से 1990 तक के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के रिकॉर्ड उपलब्ध हैं। सरकार ने इसका डिजिटलाइजेशन करने का फैसला लिया है।

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बृहस्पतिवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन दस्तावेजों व अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन व माइक्रोफिल्मिंग करने की महत्वपूर्ण परियोजना का उद्घाटन किया। पहले चरण में चार करोड़ अभिलेखों का डिजिटलाइजेशन का कार्य निजी कंपनी द्वारा ढाई वर्षो में पूरा किया जाएगा।

इस मद में 25.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार का मकसद आम लोगों को अपनी अभिलेखीय धरोहरों के प्रति रुचि पैदा कराना व कंप्यूटर के एक क्लिक के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराना है। यह संभवत: देश की पहली ऐसी परियोजना है, जिसमें इतने बड़े स्तर पर अभिलेखों को डिजिटलाइजेशन होगा।

बता दें कि दिल्ली अभिलेखागार में इस समय 10 करोड़ अभिलेख उपलब्ध हैं। पहले चरण में चार करोड़ अभिलेखों का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा।

दिल्ली अभिलेखागार की स्थापना 1972 में दिल्ली के अभिलेखों के संरक्षण व संवर्धन के लिए की गई थी। विभाग का मुख्य उद्देश्य दिल्ली से संबंधित अभिलेख का अधिग्रहण एवं संरक्षण करना व शोध छात्रों एवं आम लोगों को उपलब्ध कराना है।


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