Delhi Pollution: दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, जहरीली हवा ने बढ़ाई लोगों की परेशानी
Delhi Pollution इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण वाले शहरों की सूची में दिल्ली पहले स्थान पर है। इसके बाद मुंबई 8वें स्थान पर है। यह पहला मौका है जब दीपावली त्योहार से पहले ही दिल्ली के दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषण शहरों में शुमार हो गया है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi Pollution: देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता स्तर (Air Quality Index) 500 के करीब पहुंचा है। इस बीच सोमवार को निजी वेदर एजेंसी ने विश्व के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषण वाले शहरों की सूची में दिल्ली पहले स्थान पर है। इसके बाद मुंबई 8वें स्थान पर है। यह पहला मौका है जब दीपावली त्योहार से पहले ही दिल्ली के दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषण शहरों में शुमार हो गया है। बता दें कि पिछले एक पखवाड़े से दिल्ली के साथ एनसीआर का भी वायु गुणवत्ता स्तर बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।
इस बीच दिल्ली की दमघोंटू हवा ने सोमवार को एक साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। दिल्ली में सोमवार को एयर इंडेक्स 477 दर्ज किया गया। यह इस सीजन का ही नहीं, पिछले साल तीन नवंबर के बाद का सर्वाधिक है। तब यह 494 रिकॉर्ड हुआ था। सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब दिल्ली- एनसीआर के सभी शहरों का एयर इंडेक्स लगातार पांचवें दिन भी गंभीर श्रेणी में बना रहा।
दिल्ली के सभी 36 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन भी रेड जोन में रहे। जहांगीर पुरी का एयर इंडेक्स सर्वाधिक 496 रिकॉर्ड किया गया। पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा में भी खासा इजाफा देखने को मिला। शाम चार बजे हवा में पीएम 10 की मात्रा 609 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही जो नवंबर में पिछले 15 सालों में सबसे ज्यादा है। पीएम 2.5 की मात्रा 384 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। हालांकि कुछ निजी वेबसाइट इनका स्तर 700 तक भी दिखा रही थीं।
ज्ञात हो कि मानकों के अनुसार, हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता सूचकांक निगरानी संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, पराली का धुआं भी दिल्ली-एनसीआर के लोगों का लगातार दम घोंट रहा है। सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 38 फीसद तक हो गई।
आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 3,257 पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गईं।
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