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दिल्ली के मेट्रो स्टेशन पर वह कर रही थी मौत का इंतजार, फिर क्या हुआ पढ़िए- यह खबर

बदरपुर मेट्रो स्टेशन पर 20 वर्षीय युवती ने मानसिक तनाव के कारण मेट्रो के सामने छलांग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। मेट्रो चालक (ऑपरेटर) दिनेश की उस पर नजर पड़ गई फिर...।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 08:24 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 02:22 PM (IST)
दिल्ली के मेट्रो स्टेशन पर वह कर रही थी मौत का इंतजार, फिर क्या हुआ पढ़िए- यह खबर
दिल्ली के मेट्रो स्टेशन पर वह कर रही थी मौत का इंतजार, फिर क्या हुआ पढ़िए- यह खबर

नई दिल्ली, जेएनएन। बदरपुर मेट्रो स्टेशन पर 20 वर्षीय युवती ने मानसिक तनाव के कारण मेट्रो के सामने छलांग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। मेट्रो चालक (ऑपरेटर) दिनेश की उस पर नजर पड़ गई और उन्होंने आगे बढ़कर उसकी जान बचा ली। बाद में युवती को काउंसिलिंग के लिए पुलिस को सौंप दिया गया। यह घटना पिछले सप्ताह की है। उसका वीडियो अब सामने आया है।

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इस साल दिल्ली मेट्रो रेल निगम व सुरक्षा कर्मियों ने 17 लोगों की जान बचाई है, जो आत्महत्या करना चाहते थे। डीएमआरसी का कहना है कि कर्मियों को ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। ऐसे यात्रियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है जिनकी गतिविधियां संदेहास्पद लगे।

इससे पहले वायलेट लाइन के एलिवेटेड बदरपुर स्टेशन पर पांच सितंबर को शाम छह बजे एक युवती स्टेशन की रेलिंग पर चढ़कर छलांग लगाने वाली थी। पीछे से आ रहे मेट्रो चालक की उस पर नजर पड़ी और उसने उसका पैर पकड़ लिया। अन्य यात्री की मदद से उसे रेलिंग से उतारा गया।

पिछले दिनों आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूदकर एक शख्स ने दी जान
पिछले दिनों आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन पर 40 साल के एक शख्स ने कथित तौर पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद मेट्रो का परिचालन कुछ समय के लिए बाधित रहा। समयपुर बादली और विश्वविद्यालय तक मेट्रो के परिचालन से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

जून में एक युवक ने की थी आत्महत्या
इससे पहले जून में दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन(Delhi Metro Rail Corporation) की येलो लाइन पर सिविल लाइन्स मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूदकर एक शख्स ने आत्महत्या कर ली थी। इस हादसे की वजह से येलो लाइन पर मेट्रो सेवा 15-20 से मिनट तक बाधित रही। मृतक की पहचान नितिन के रूप में हुई थी।

अधिकारियों के मुताबिक, 23 साल का एक युवक पिछले दो साल से डिप्रेशन का शिकार था और वह इसका इलाज करवा रहा था। हादसे की वजह से विश्वविद्यालय और कश्मीरी गेट के बीच मेट्रो सेवा कुछ समय के लिए बाधित रही।

मई महीने में भी शख्स ने की थी आत्महत्या
इससे पहले मई महीने में भी द्वारका सेक्टर दस मेट्रो स्टेशन पर एक शख्स ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। मृतक की पहचान अनिल कुमार के रूप में की गई थी। उस वक्त भी मेट्रो सेवा ब्लू लाइन पर काफी देकर प्रभावित रही।

इससे पहले चार अप्रैल को दिल्ली पुलिस का एक एएसआइ ने जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। वहीं दस अप्रैल को रमेश नगर मेट्रो स्टेशन पर कूदकर एक बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली थी। बुजुर्ग की आत्महत्या के बाद राजीव चौक से द्वारका तक जाने वाले यात्रियों तो काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। वहीं मार्च महीने में नोएडा के सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन पर एक कंपनी की सेल्स मैनेजर शीतल ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद 15 मिनट मेट्रो सेवा बाधित रही थी।

 

हर रोज आत्महत्या कर रहे 3000 लोग

WHO के आंकड़ों के मुताबिक हर रोज करीब 3000 लोग आत्महत्या कर मर रहे हैं। साथ ही हर रोज 20 या उससे अधीक लोग अपने जीवन को समाप्त करने का प्रयास करते हैं। पहली बार विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत 10 सितंबर को की गई थी।

पुरुष ज्यादा करते हैं आत्महत्या विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमानों के मुताबिक 2016 में आत्महत्या से 7,93,000 लोगों की मौतें हुई थी। जिसमें से ज्यादातर पुरुष थे। NCRB के डेटा के अनुसार 2015 में 91,528 पुरुषों ने अपनी जान ली, वहीं, 2005 और 2010 में 66,032 और 87,180 पुरुषों ने आत्महत्या की थी।

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यदि आपके मन में कभी भी इस तरह का विचार आता है तो मदद मंगने में संकोच ना करें। अपने किसी करीबी से मदद मांगे। यदि किसी करीबी से मदद नहीं मांग सकते तो डॉक्टर की मदद लें। क्योंकि ऐसी कोई भी समस्या नहीं होती जिसका समाधान ना हो। इसलिए हिम्मत करें और अपनी तकलीफ साझा करें।

आप कर सकते हैं मदद

  • यदि आपको कुछ अलग लगता है तो बातचीत करें।
  • अगर परिवार या दोस्तों में कोई अवसाद में दिखता है तो उसकी काउंसलिंग करवाएं।
  • परिवार में मानसिक स्वास्थ्य को अहम जगह दें।
  • एक ब्रेक लें, लाइफस्टाइल बदलें, योग और ध्यान करें।
  • डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आत्महत्या करने वालों में बड़ी तादाद 15 से 29 साल के उम्र के लोगों की है यानी जो उम्र उत्साह से लबरेज होने और सपने देखने की होती है उसी उम्र में लोग जीवन से पलायन कर जाते हैं।
  • ऐसी घटनाएं रोकने के लिए डीएमआरसी ने जागरूकता अभियान शुरू किया है। बृहस्पतिवार को भी सोशल नेटवर्क पर पोस्ट कर कहा कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक।

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