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जल्द खुलेगा एक और ट्रॉमा सेंटर, दिल्ली के अलावा हरियाणा के मरीजों को भी मिलेगा फायदा

जल्द ही दिल्ली में एक और ट्रॉमा सेंटर खुलेगा। इस सेंटर से दिल्ली के अलावा हरियाणा के मरीजों को भी फायदा मिलेगा।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 10:33 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 10:33 AM (IST)
जल्द खुलेगा एक और ट्रॉमा सेंटर, दिल्ली के अलावा हरियाणा के मरीजों को भी मिलेगा फायदा
जल्द खुलेगा एक और ट्रॉमा सेंटर, दिल्ली के अलावा हरियाणा के मरीजों को भी मिलेगा फायदा

नई दिल्ली, जेएनएन। हादसा पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली को एक और ट्रॉमा सेंटर मिलेगा। दिल्ली सरकार मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी स्मारक अस्पताल में इस ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कराएगी। यह दिल्ली का चौथा ट्रॉमा सेंटर होगा। खास बात यह है कि यह बेड क्षमता के मामले में एम्स ट्रॉमा सेंटर से भी बड़ा होगा। इस ट्रॉमा सेंटर में 362 बेड होंगे। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसी माह 29 सितंबर को इसके निर्माण की आधारशिला रखेंगे। इसके निर्माण से सड़क दुर्घटना व विभिन्न हादसों में जख्मी होने वाले लोगों को जल्द इलाज मिल सकेगा।

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दिल्ली के अलावा हरियाणा को भी मिलेगा फायदा

यह बाहरी दिल्ली का यह पहला ट्रॉमा सेंटर होगा। इस ट्रॉमा सेंटर के बनने के बाद बाहरी व पश्चिमी दिल्ली के अलावा हरियाणा के रोहतक, सोनीपत और इसके आसपास के लोगों को भी फायदा मिलेगा। मौजूदा समय में बाहरी दिल्ली के इलाके में ट्रॉमा सेंटर नहीं है। इसलिए हादसा पीड़ितों को इलाज के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर या आरएमएल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में पहुंचना पड़ता है। इस वजह से अस्पतालों के ट्रॉमा सेंटर पर दबाव अधिक रहता है। संजय गांधी स्मारक अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर बनने से दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क हादसे में जख्मी लोगों को भी जल्द इलाज मिल सकेगा। 

निर्माण के लिए मिली मंजूरी

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इसके निर्माण के लिए सभी संबंधित विभागों से मंजूरी मिल चुकी है। साथ ही टेंडर आवंटन भी किया जा चुका है। इसमें आइसीयू के 42 बेड होंगे। यह ट्रॉमा सेंटर डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा और करीब दो साल में इसमें मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। इसमें ऑर्थोपेडिक्स व जनरल सर्जरी के अलावा न्यूरो सर्जरी का भी विभाग होगा।

दिल्ली में तीन ट्रॉमा सेंटर

वैसे तो सभी अस्पतालों की इमरजेंसी में हादसा पीड़ितों का इलाज होता है लेकिन ज्यादातर अस्पतालों की इमरजेंसी में न्यूरो सर्जन मौजूद नहीं होते। जबकि हादसों में मस्तिष्क की चोट से अधिक लोगों की मौत होती है। यही वजह है कि ट्रॉमा सेंटर जैसी सुविधाओं के विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही है। वर्तमान समय में दिल्ली में तीन ट्रॉमा सेंटर है, जहां सिर्फ हादसा पीड़ितों का इलाज किया जाता है। इसमें एम्स ट्रॉमा सेंटर, आरएमएल अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर व सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर शामिल है। एम्स ट्रॉमा सेंटर में 243 बेड हैं, जो देश का सबसे बड़ा ट्रॉमा सेंटर है।

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