Delhi NCR Weather Update: अगले सप्ताह से और बढ़ेगी गर्मी, जानें मौसम का ताजा हाल
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को गर्मी से राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। शनिवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होते ही दिल्ली में गर्मी फिर बढ़ने लगी है। बीते चार दिनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब दिल्ली का अधिकतम तापमान 37 डिग्री पार हो गया। न्यूनतम तापमान भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। शनिवार को अधिकतम तापमान 38 और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं।
दिल्ली का अधिकतम तापमान शुक्रवार को सामान्य स्तर पर 36.2 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 17.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 28 से 84 फीसद रहा। पालम दिल्ली का सबसे गर्म इलाका रहा। यहां का अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
सबसे गर्म रही स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स
स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स की सुबह सबसे गर्म रही। यहां का न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इस सीजन में दूसरी बार इतना अधिक तापमान दर्ज किया गया। इससे पहले छह अप्रैल को भी अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस पार हो गया था। दिन और रात दोनों ही समय दिल्ली वासियों को तेज पंखा चलाना पड़ा।
40 डिग्री सेल्सियस तापमान पहुंचने की संभावना
प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र दिल्ली के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि गर्मी और तापमान में अब लगातार इजाफा ही होना है। 15 अप्रैल के बीच इसके 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि बीच-बीच में हल्के पश्चिमी विक्षोभ आते रहते हैं, लेकिन उससे गर्मी अब कम नहीं होगी।
प्रदूषण से पीछा छूटा, छह साल का रिकॉर्ड टूटा
कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में तेजी से सुधार हुआ है। घटे प्रदूषण के बीच साफ हवा ने पिछले छह साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौजूदा समय में हवा से पीएम 2.5, पीएम 10, कार्बन मोनोक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड काफी कम हो गई है। एयर इंडेक्स भी अच्छा या सामान्य श्रेणी में बना हुआ है। सुखद यह भी है कि प्रदूषण मुक्त हवा की यह स्थिति भी गत 22 मार्च से बनी हुई है।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन सफर इंडिया के मुताबिक सबसे अधिक कमी नाइट्रोजन डाइऑक्साइड में आई है। पेट्रोल, डीजल सहित अन्य ईंधनों के जलने पर उत्पन्न होने वाला यही प्रदूषक तत्व फेफड़ों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाता है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से न तो वाहन चल रहे हैं और न ही औद्योगिक इकाइयां। प्रदूषक कण पीएम 2.5 और पीएम 10 भी 55 से 60 फीसद तक कम हो गया है।
बीते छह सालों की स्थिति
दिल्ली-एनसीआर का एयर इंडेक्स इस समय बीते छह साल में सबसे बेहतर है। अगर पीछे मुड़कर देखें तो 2014 में मार्च के अंतिम और अप्रैल के पहले सप्ताह का एयर इंडेक्स 130 से 180 के बीच रहा था। इसी तरह 2015 में यह 90 से 140 के बीच रहा था। 2016 में स्थिति खराब थी, क्योंकि इस साल एयर इंडेक्स 115 से 190 के बीच था। अगर 2017 की बात की जाए तो इस साल यह 130 से 190 के बीच था, जबकि 2018 और 2019 में यह 100 से 180 के बीच था।