Delhi Water Crisis: राजधानी में जल संकट को लेकर एक बार फिर दिल्ली बनाम हरियाणा सरकार
Delhi Water Crisis दिल्ली जल बोर्ड पानी संकट के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रहा है। उसका कहना है कि हरियाणा से यमुना में पानी कम छोड़ा जा रहा है। यही नहीं उसने हालात को देखते हुए हरियाणा से 150 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने की भी मांग की है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Delhi Water Crisis: दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटने के कारण पेयजल संकट गहरा जाना अत्यंत ¨चताजनक है। मामला तब और भी गंभीर हो जाता है, जब यह सामने आता है कि वजीराबाद में यमुना का जलस्तर पिछले चार दिनों से लगातार घटता जा रहा है।
इसके कारण वजीराबाद, ओखला और चंद्रावल जल शोधन संयंत्रों से पानी की आपूर्ति कम हो रही है। इस वजह से लुटियंश जोन समेत दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है।
वहीं, हरियाणा के सिंचाई विभाग का दावा है कि दिल्ली से जल समझौते और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पूरा पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। दिल्ली में यदि मांग बढ़ी है तो उसे केंद्रीय जल पूल से अतिरिक्त पानी की मांग करनी चाहिए। दिल्ली में गर्मी के दिनों में पेयजल संकट हर साल की समस्या है। गर्मी के दिनों में पानी की मांग अचानक बढ़ जाती है। वहीं, यमुना में भी जलस्तर घट जाता है जो परेशानी बढ़ा देता है।
दिल्ली ने हरियाणा से 150 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की मांग अवश्य की है, लेकिन हरियाणा का कहना है कि वह पानी की कमी के कारण पहले ही अपने इलाकों में ही पानी नहीं दे पा रहा है, ऐसे में दिल्ली को अतिरिक्त पानी देना संभव नहीं है।
इन हालात में दिल्ली जल बोर्ड को जहां हरियाणा के सिंचाई विभाग से वार्ता जारी रखनी चाहिए और समस्या का कोई बेहतर हल निकालने के प्रयास करने चाहिए, वहीं उसे पानी के लिए तात्कालिक वैकल्पिक उपायों पर भी विचार करना चाहिए।
तात्कालिक उपाय करने के साथ ही दिल्ली में हर साल सामने आने वाले इस जल संकट के लिए सरकार को कोई स्थायी समाधान भी खोजना चाहिए।
दिल्ली में वर्षा जल संचयन कर भूजल स्तर बढ़ाने के प्रयासों पर और गंभीरता से अमल किया जाना चाहिए, ताकि गर्मी में जब यमुना में पानी की कमी हो तब भूजल दोहन बढ़ाकर पेयजल संकट को न्यूनतम किया जा सके और दिल्लीवासियों को परेशानी से बचाया जा सके।