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Heroes of Delhi Violence: हिंसा के शिकार लोगों को अस्पतालों मुफ्त मिलेगी कानूनी सलाह

Heroes of Delhi Violence हिंसा प्रभावित यमुनापार के तीनों जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा पीड़ितों को निशुल्क कानूनी सलाह उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 01:10 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 01:10 PM (IST)
Heroes of Delhi Violence: हिंसा के शिकार लोगों को अस्पतालों मुफ्त मिलेगी कानूनी सलाह
Heroes of Delhi Violence: हिंसा के शिकार लोगों को अस्पतालों मुफ्त मिलेगी कानूनी सलाह

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। Heroes of Delhi Violence: डीएलएसए की ओर से जीटीबी और जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में पीड़ितों की सहायता के लिए शुक्रवार को शिविर लगाया जाएगा। हिंसा प्रभावित यमुनापार के तीनों जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा पीड़ितों को निशुल्क कानूनी सलाह उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

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इसके लिए दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) द्वारा जारी 24 घंटे हेल्पलाइन सेवा नंबर 1516 के अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) शाहदरा, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी द्वारा भी अलग से पीड़ितों के लिए जिलावार फोन नंबर जारी किए गए हैं। इनमें शाहदरा डीएलएसए द्वारा 9667992795, पूर्वी डीएलएसए द्वारा 9667992793 और उत्तर-पूर्वी डीएलएसए द्वारा 9667992794 नंबर जारी किया गया है।

इन नंबरों के माध्यम से तीनों डीएलएसए के पदाधिकारी और कानूनी सलाहकार लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देंगे। डीएलएसए शाहदरा की सचिव विधि गुप्ता आनंद ने बताया कि गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) व जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में एक कानूनी सहायता शिविर लगाने की व्यवस्था की है। मुफ्त कानूनी सहायता शिविर में डीएलएसए के अधिवक्ता बैठेंगे। साथ ही वे लोगों की समस्याएं सुनकर कानूनी तरीके से उनके समाधान की जानकारी देंगे।

आजमी और मुमताज परिजनों को दे रहे कानूनी सलाह

उत्तर पूर्वी हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को कानूनी सलाह देने के लिए कुछ लोग काम कर रहे हैं। वहीं जीटीबी अस्पताल में मोर्चरी के बाहर खड़े परिजनों को खाना और पानी भी उपलब्ध कराया जा रहा है। साकेत जिला कोर्ट में काम कर रहे फरहान आजमी और तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले मुमताज हाशमी यहां लोगों को उनके कानूनी हक के बारे में जानकारी दे रहे हैं। आजमी ने न्यूज एजेंसी पीटीआइ से बात करते हुए बताया कि हम पीड़ितों का नाम, पता और फोन नंबर समेत विभिन्न जानकारियां अपने पास नोट कर रहे हैं ताकि भविष्य में हम उन तक पहुंच सकें। कई बार हमने देखा है कि पीड़ितों को ही आरोपी बना दिया जाता है, इसलिए हम पीड़ितों के परिवारों को कानूनी सलाह दे रहे हैं ताकि वो अपने हकों को जान सकें। जब उनसे पूछा गया कि उनको ऐसा करने के लिए किसने प्रेरित किया तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है इंसानियत अभी जिंदा है।

अस्पतालों में परिजनों को उपलब्ध कराया जा रहा खाना और दवाईयां

ओल्ड सीलमपुर का एक समूह बुधवार से मोर्चरी के बाहर इंतेजार कर रहे परिजनों को खाना और पानी उपलब्ध करवा रहा है। समूह के एक कार्यकर्ता सलाउद्दीन सिद्दकी ने बताया कि हम सीलमपुर से खाना, पानी और दवाईयां लेकर यहां आते हैं। उन्होंने आगे बताया कि लोग यहां काफी परेशान हैं और अपने प्रियजनों के शव के लिए इंतेजार में हैं। ऐसे में हम उनकी हर तरह मदद करते हैं। इसी तरह गाजियाबाद के शाहिद नगर का एक अन्य समूह भी लोगों की मदद कर रहा है। वो बुधवार से लोगों की मदद में यहां है। समूह के एक कार्यकर्ता आमिर मलिक ने बताया कि हम यहां लोगों के लिए पानी, खाना और फल लेकर आए हैं। हम बस इस तरह परेशान लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, यहां कई ऐसे भी हैं जो दूसरे राज्यों से आए हैं।


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