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Delhi Violence: सीने में खंजर सा चुभता है हिंसा का मंजर, सामने खड़ी थी मौत

Delhi Violence राघव ने शाम को देखा तो मेरी दुकान के साथ ही उपद्रवियों ने फर्नीचर की भी एक दुकान जला दी थी। राघव कहते हैं कि एक भी आदमी उनके इलाके का नहीं था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 11:16 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 11:16 AM (IST)
Delhi Violence: सीने में खंजर सा चुभता है हिंसा का मंजर, सामने खड़ी थी मौत
Delhi Violence: सीने में खंजर सा चुभता है हिंसा का मंजर, सामने खड़ी थी मौत

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। हिंसा के दौरान का माहौल जिन लोगों ने झेला है, उसे बयां करते-करते उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जब वो मंजर उनके सामने आता है तो उन्हे अपनी बेबसी पर रोना आता है कि वह चाह कर भी अपनी दुकान न बचा सके। इन लोगों को अहसास है कि मौत किस तरह उनकी आंखों के सामने नाच रही थी, बचने की उम्मीद भी नहीं दिख रही थी।

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अगर वह भागते ना तो मार दिए जाते। उनसे बात करने पर एक बात साफ तौर पर सामने आ रही है कि हिंसा ने जो जख्म दे दिए हैं वे वर्षों बाद भी नहीं भरे जा सकेंगे। साथ ही उनका अपनी दुकानों का बचा न पाने का दर्द भी सीने में खंजर बन कर खुप रहा था। हालांकि लोग स्थानीय लोगों की तारीफ करते हैं कि उन्होंने एक-दूसरे समुदाय के लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की है।

आंखों के सामने नाच रही थी मौत नहीं बचा पाए अपनी दुकान

शिव कुमार राघव करावल नगर मेन रोड मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। मूंगा नगर की गली नंबर पांच के सामने उनका गिरि ऑटोमोबाइल में कार्यालय है। अकित शर्मा की हत्या के आरोपित निगम पार्षद ताहिर हुसैन के घर से कुछ दूरी का ही यह मामला है। 24 फरवरी को वह दुकान का शटर नीचे करके कार्यालय में बैठे हुए थे। दोपहर ढाई बजे के करीब मुस्तफाबाद की ओर से लोगों की भीड़ आई, उनके हाथों में डंडे आदि थे। उन्होंने शटर ऊपर उठाया। बाहर रखे गमले कार्यालय के शीशे पर मारे। दुकान में करीब 20 बाइक सर्विस के लिए आई थीं। वे लोग दस लीटर की एक कैन में पेट्रोल साथ लेकर आए थे। उन्होंने बाइक पर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी।

राघव ने शाम को देखा तो मेरी दुकान के साथ ही उपद्रवियों ने फर्नीचर की भी एक दुकान जला दी थी। राघव कहते हैं कि एक भी आदमी उनके इलाके का नहीं था।

..दो मिनट है भाग जाओ नहीं तो जिंदा जला देंगे

राघव बताते हैं कि वह और उनके साथ बैठे एक और साथी जान बचाकर पीछे के गेट की तरफ भागे। भीड़ से दो आदमी मेरे पीछे दौड़ पड़े। उन्होंने मेरा मोबाइल और ढाई लाख रुपये छीन लिए और कहा कि दो मिनट का टाइम है भाग सकते हो तो भाग जाओ, नहीं तो भीड़ आ रही है हम तुम्हें भी जिंदा जला देंगे। मौत हमारे सामने दिख रही थी। हम लोग दीवार फांद कर बगल वाले प्लॉट से जाकर पीछे की तरफ कॉलोनी में एक जानकार के यहां भाग गए।


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