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Delhi Violence: आशियाने की राख में तलाशे जा रहे गृहस्थी के निशां, सब कुछ हो गया तबाह

Delhi Violence जिन मकानों का कुछ हिस्सा जला है वहां पहुंचकर मकान मालिक आग से बचे हुए फिर से प्रयोग किए जाने लायक सामान को तलाश रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 07:06 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 07:06 PM (IST)
Delhi Violence: आशियाने की राख में तलाशे जा रहे गृहस्थी के निशां, सब कुछ हो गया तबाह
Delhi Violence: आशियाने की राख में तलाशे जा रहे गृहस्थी के निशां, सब कुछ हो गया तबाह

नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। हिंसा में जिन लोगों के घर और दुकानें जले हैं, उनकी जिंदगी को पटरी पर आने में समय लगेगा। घटना के एक सप्ताह बाद लोगों ने अपने जले हुए मकानों की तरफ आना शुरू किया है। जिन मकानों का कुछ हिस्सा जला है, वहां पहुंचकर मकान मालिक आग से बचे हुए फिर से प्रयोग किए जाने लायक सामान को तलाश रहे हैं। वहीं पूरी तरह से जले मकानों में अभी तक लोगों का लौटना शुरू नहीं हो पाया है। जो इक्का दुक्का लोग आ रहे हैं, वे अपने आशियाने की राख में गृहस्थी का सामान ढूंढ रहे हैं। जिससे फिर से जिंदगी की नई शुरुआत की जा सके।

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उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए हिंसा में सैकड़ों मकानों और दुकानों को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था। इनमें से कुछ ऐसे हैं जो सौ फीसद जल गए, कुछ आधे और कुछ आंशिक रूप से जल चुके हैं।

शिव विहार में लोगों को हुआ ज्यादा नुकसान

उपद्रवियों ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के शिव विहार में सबसे अधिक आतंक मचाया था। इसके अलावा खजूरी, खजूरी खास, गोकुलपुरी, मुस्तफाबाद, बृजपुरी, बृहमपुरी, नूर-ए-इलाही, मौजपुर, भजनपुरा, करावल नगर, जाफराबाद और गोविंद नगर सहित कई क्षेत्रों में पथराव, फायरिंग और आगजनी की घटनाएं हुई थी। शिव विहार में अभी भी चार गलियां ऐसी हैं, जहां सभी मकानों में ताले लगे हुए हैं। इसके आसपास के क्षेत्र में भी भीषण आगजनी हुई थी।

एक सप्ताह बाद लौट राजेंद्र 

शिव विहार में रहने वाले राजेंद्र कुमार घटना के एक सप्ताह बाद लौटे हैं। उन्होंने जैसे-तैसे अपने परिवार की जान बचाई थी, अब वह अपने घर में लगी आग से बचे हुए सामान को साफ कर रहे हैं, जिससे एक बार फिर से जिंदगी को नए सिरे से शुरू किया जा सके। पास के ही मकान में, जो करीब आधा जल चुका है, वहां अमर सिंह भी राख में उस सामान को तलाश रहे हैं, जो बच गया है।

हालांकि घर का फर्नीचर और कपड़े व गद्दे आदि पूरी तरह से जल चुके हैं। वे रसोई में बचे बर्तनों को साफ करने में लगे हैं, जिससे बच्चों के लिए खाने की व्यवस्था की जा सके। पास के ही एक मकान में रहने वाले व्यक्ति भी घर में फैली गंदगी और आग से राख हुए सामान को बाहर निकाल रहे हैं। जिससे यह पता लग सके कि मकान को फिर से घर बनाने के लिए किन चीजों की व्यवस्था करनी है।


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