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Delhi Violence: हर मामले की निगरानी रखने के लिए दंगा सेल का हुआ गठन

बेहद संवेदनशील मामला होने के कारण दंगे से संबंधित हर मामले की सूचना अक्सर गृह मंत्रालय को भी देनी होती है। इन सब को देखते हुए सेल का गठन किया गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 07:05 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 07:05 AM (IST)
Delhi Violence: हर मामले की निगरानी रखने के लिए दंगा सेल का हुआ गठन
Delhi Violence: हर मामले की निगरानी रखने के लिए दंगा सेल का हुआ गठन

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। सीएए व एनआरसी के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के हर मामले पर निगरानी रखने के लिए एक नई दंगा सेल का गठन किया गया है। अभी तक दंगे में हुई हत्या के 46 व सात अन्य संवेदनशील मामलों की जांच क्राइम ब्रांच की तीन एसआइटी कर रही हैं। वहीं दंगे के साधारण मामलों (तोडफ़ोड़, आग लगाने, जानलेवा हमला, लूटपाट व मारपीट आदि) के 700 मामले की तफ्तीश के लिए उत्तर-पूर्वी जिले के कई थानों की टीम गठित की गई है। दंगा सेल न केवल सभी 753 मामलों की तफ्तीश की जानकारी रखेगी, बल्कि मामले को लेकर अदालतों में चल रही सुनवाई व उनकी वर्तमान स्थिति पर भी नियमित नजर रखेगी।

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गृह मंत्रालय को देनी होगी सूचना

बेहद संवेदनशील मामला होने के कारण दंगे से संबंधित हर मामले की सूचना अक्सर गृह मंत्रालय को भी देनी होती है। इन सब को देखते हुए सेल का गठन किया गया है, जो केंद्रीय सेल की तरह काम करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में पहली बार इस तरह की सेल का गठन किया गया था। इसके बाद यह दूसरा मौका है जब दिल्ली में दंगे के लिए अलग सेल बनाई गई है।

सेल के प्रभारी बने हैं तनवीर अशरफ

सूत्रों के मुताबिक आला अधिकारियों के निर्देश पर एक सप्ताह पहले ही उत्तर-पूर्वी जिले के डीसीपी कार्यालय में इस नई दंगा सेल का गठन किया गया है। इस सेल का प्रभारी इंस्पेक्टर तनवीर अशरफ को बनाया गया है। हालांकि, सेल पर विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच प्रवीर रंजन, संयुक्त आयुक्त पूर्वी रेंज आलोक कुमार, डीसीपी उत्तर-पूर्वी जिला वेद प्रकाश सूर्या की पैनी नजर रहेगी।

दंगे ही हर तफ्तीश पर है गृह मंत्रालय की रिपोर्ट

दरअसल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की तफ्तीश पर सीधे गृह मंत्रालय की नजर है। मंत्रालय साफ कह चुका है कि दंगे के मामले में एक भी बेगुनाह को न फंसाया जाए। एक भी गुनहगार को छोड़ा भी न जाए ताकि दंगाइयों को सबक सिखाया जा सके। इसलिए दिल्ली पुलिस बहुत फूंक-फूंक कर तफ्तीश कर रही है। पुलिस की कोशिश है कि आरोपितों को सख्त सजा मिले, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके। इसलिए पुलिस ने सुनवाई के लिए चार विशेष कोर्ट का गठन कराने से लेकर 11 विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति कराई। अब पुलिस छह विधि अधिकारियों की नियुक्ति भी जल्द कराने की कोशिश में जुट गई है।

दंगे में कुल 753 मामले हैं दर्ज

दंगे के मामले में 753 केस दर्ज किए गए, जिनमें 372 सुलझा लिए गए हैं। 200 मामले में पुलिस आरोप पत्र भी दायर कर चुकी है। दंगे के मामले में 1470 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं।


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