दिल्ली पुलिस का अजब कारनामा, मददगार को बना दिया दंगे का आरोपित
Delhi Violence कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए 20 हजार के मुचलके पर आरोपित असद को जमानत दे दी।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। Delhi Violence: उत्तर पूर्वी दिल्ली में इसी साल 24-25 फरवरी को हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान एक अजब कार्रवाई करने को लेकर दिल्ली पुलिस का अजब कारनामा सामने आया है। दरअसल, उत्तर-पूर्वी जिले में सांप्रदायिक दंगे के दौरान गोली लगने से एक शख्स आसिफ घायल हुआ था, जिसे असद नाम के शख्स ने इंसानियत के आधार पर अस्पताल पहुंचा था। हैरानी की बात है कि मददगार असद को दिल्ली पुलिस ने दंगे में शामिल होने के लिए आरोपित बना दिया। वहीं, कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए 20 हजार के मुचलके पर आरोपित असद को जमानत दे दी।
असद ने एक घायल को पहुंचाया था अस्पताल
उत्तर-पूर्वी जिले में फरवरी माह में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिता रजिस्टर (एनआरसी) के समर्थकों और विरोधियों के बीच भड़की हिंसा में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले को पुलिस ने आरोपित बना दिया। दरअसल जाफराबाद इलाके में भड़की हिंसा में आसिफ नामक युवक गोली लगने से घायल हो गया था। वहां मौजूद असद ने पीडि़त को अस्पताल पहुंचाया था।
कोर्ट में आरोपित के वकील यूए खान ने दलील दी कि असद ने दंगे में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया था। इसलिए उस पर कोई मामला नहीं बनता है। इस पर कोर्ट ने जांच अधिकारी से जवाब मांगा। जांच अधिकारी ने बताया कि घटना के समय जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे से गुजर रहे पैट्रोलिंग अफसर ने असद को दंगाइयों के साथ खड़े हुए देखा था। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या इससे गोली मारने की घटना में असद की कोई भूमिका साबित होती है।
इस पर जांच अधिकारी ने कहा नहीं। इसी को आधार बनाकर अदालत ने आरोपित को 20 हजार रुपये के एकमुश्त मुचलके पर जमानत दे दी। गौरतलब है कि दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगे में 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।