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Delhi Violence: दिल्ली हिंसा में मिले अहम सुराग, सामने आया पिंजड़ा तोड़ संगठन का नाम

Delhi Violence दिल्ली पुलिस को पिंजड़ा तोड़ संगठन का पता चला है जिसकी दंगे भड़काने में संलिप्तता सामने आई है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 11:20 AM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 01:15 PM (IST)
Delhi Violence: दिल्ली हिंसा में मिले अहम सुराग, सामने आया पिंजड़ा तोड़ संगठन का नाम
Delhi Violence: दिल्ली हिंसा में मिले अहम सुराग, सामने आया पिंजड़ा तोड़ संगठन का नाम

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उपद्रवियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए दिल्ली पुलिस लगातार सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ ही संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। इस बीच जांच में पुलिस को पिंजड़ा तोड़ संगठन का भी पता चला है, जिसकी दंगे भड़काने में संलिप्तता सामने आई है। यह संगठन दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्राओं का है, ऐसे में पुलिस किसी भी कार्रवाई से पहले सुबूतों को पुख्ता कर लेना चाहती है। इसके लिए पुलिस की एक टीम को लगाया गया है, जो कि संगठन के बारे में जानकारी जुटा रही है।

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क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पुलिस के खुफिया विभाग को यह जानकारी मिली है कि 22 व 23 फरवरी को जब मौजपुर व जाफराबाद में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे। उसमें इस संगठन की छात्राएं भी शामिल हुई थीं। इन छात्राओं ने ही प्रदर्शनकारियों को पुलिस पर पथराव के लिए भड़काया।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले भी कई तरह की अवैध गतिविधियों में इस संगठन की संलिप्तता की बात सामने आ चुकी है। यह डीयू का गैरपंजीकृत संगठन है, जो सरकार विरोधीगतिविधियों में शामिल होता रहता है।

34 सौ लोगों से की जा चुकी पूछताछ

हिंसा के मामले में अब तक 34 सौ लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, जबकि 718 केस दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं 55 अतिरिक्त केस आर्म्स एक्ट में दर्ज करके 60 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। वहीं 150 अवैध हथियार बरामद किए जा चुके हैं। क्राइम ब्रांच को अब तक 2162 सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। इसमें 1330 फोरेंसिक जांच में सही पाए गए हैं, जबकि शेष 832 वीडियो की अभी जांच कराई जा रही है, दरअसल इनमें एक ही घटनास्थल के कई-कई वीडियो हैं।

पुलिस सूत्रों के मुताबकि दंगों के दौरान सभी जगहों पर जमकर अवैध हथियारों से गोलियां चलाई गई थीं। अब तक जो 3400 लोग हिरासत में लिए गए। उनमें से 1000 से ज्यादा लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ा जा चुका है। दंगे करने के लिए करीब 300 युवक पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए थे। उनमें अधिकतर की पहचान कर ली गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए हर संभव स्थान पर छापेमारी कर रही है।

मेरठ जोन के आइजी प्रवीण कुमार से दिल्ली पुलिस की इस संबंध में लगातार बातचीत चल रही है। यही नहीं गत दिनों उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी कार्यालय में दिल्ली पुलिस की मेरठ जोन के आइजी व गाजियाबाद के एसपी के साथ इस मुद्दे पर बैठक हुई थी।

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