Delhi violence: पिंजड़ा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना को राहत, आरोपों की जानकारी देने पर लगी रोक
हाई कोर्ट ने पिंजड़ा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना कलीता के खिलाफ आरोपों की जानकारी देने से दिल्ली पुलिस को रोक दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली हाई कोर्ट ने पिंजड़ा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना कलीता के खिलाफ आरोपों की जानकारी देने से दिल्ली पुलिस को रोक दिया है। न्यायमूर्ति विभू बाखरू ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आदेश सुनाते हुए यह भी कहा कि 2 जून को दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी प्रेस नोट को मीडिया के सामने रखने के लिए की गई प्रार्थना को इस मामले के बारे में नहीं बताया जा सकता है।
अदालत ने जेएनयू की छात्रा कलीता की याचिका पर यह आदेश दिया, जिसमें पुलिस की तरफ से उसके खिलाफ कुछ सबूतों का चयन कर प्रसारित करने का आरोप लगाया था।
बता दें कि पिंजरा महिला छात्रों और दिल्ली भर के कॉलेजों के पूर्व छात्रों का एक समूह है। 23 मई को गिरफ्तार की गई कलीता को पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हिंसा से जुड़े एक मामले में न्यायिक हिरासत लिया था। वह अभी तिहाड़ जेल में हैं।
देवांगना कलीता के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें इस साल के शुरू में पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के संबंध में भी शामिल है। नागरिकता कानून समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़प हुई थी, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे।