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दिल्‍ली दंगे में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, अब तक 3400 लोग गिरप्तार, 718 केस दर्ज

दिल्‍ली पुलिस ने दंगों की जांच के दौरान कुल 3400 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 07:45 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 10:04 PM (IST)
दिल्‍ली दंगे में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, अब तक 3400 लोग गिरप्तार, 718 केस दर्ज
दिल्‍ली दंगे में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, अब तक 3400 लोग गिरप्तार, 718 केस दर्ज

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। दिल्‍ली पुलिस ने दंगों में जांच के काफी सख्‍ती से पेश आ रही है। जांच के दौरान अब तक 3400 लोगों को हिरासत और गिरफ्तार कर चुकी है। दिल्‍ली हिंसा के दौरान दिल्‍ली के उत्‍तर पूर्व जिले में कई घरों को जला दिया गया था और कई लोगों की जान भी जा चुकी थी। पुलिस इस मामले में हर पहुल पर गौर करते हुए सख्‍ती से कार्रवाई कर रही है। पुलिस के अनुसार अब तक की जांच में कुल 718 केस को दर्ज हो चुके हैं। वहीं आर्म्‍स एक्‍ट के 55 मामले दर्ज किए गए हैं। इस दंगे में मरने वालों की संख्‍या कुल अब तक 52 पहुंच चुकी है।

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इधर, दिल्ली हिंसा में दिल्ली पुलिस ने 1100 उपद्रवियों को चिह्न्ति किया है। इनमें 300 उपद्रवी उत्तर प्रदेश के बताए गए हैं। बाकायदा गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बयान में कहा है कि हिंसा में यूपी के 300 लोगों का हाथ सामने आया है। मेरठ जोन से शासन को जो खुफिया रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें दर्शाया गया है कि यहां से कोई भी उपद्रवी दिल्ली हिंसा में नहीं गया है। हिंसा के समय यूपी के बार्डर सील कर दिए गए थे।

शाहरुख की शामली से गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने पूरा मामला ही बदल दिया। दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में तीन सौ उपद्रवी उत्तर प्रदेश के बताए हैं, जबकि हिंसा के समय उत्तर प्रदेश का बार्डर सील था। लोनी में बाकायदा आइजी की ड्यूटी प्रदेश सरकार ने लगाई थी, ताकि हिंसा की चपेट में उत्तर प्रदेश का कोई हिस्सा न आ जाए।

दंगे की बीबीसी रिपोर्ट पर प्रसार भारती ने पूर्व सीईओ को आड़े हाथ लिया

वहीं, प्रसार भारती के बारे में अभद्र टिप्पणी को लेकर नेशनल न्यूज ब्राडकास्टर के रिपोर्टरों और कर्मचारियों ने प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार को निशाने पर लिया है। प्रसार भारती के वरिष्ठ संपादकीय कर्मचारियों के हस्ताक्षर से एक बयान जारी किया गया है। आरोप है कि रिपोर्ट में जानबूझकर दंगों से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया गया, लेकिन जब प्रसार भारती के वर्तमान सीईओ ने इसे संज्ञान लिया तो पूर्व सीईओ ने प्रसार भारती को ‘प्रचार भारती’ कहकर तंज कसा। वह देश और इस संगठन के साथ खड़े नहीं रहे।


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