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Delhi Violence: बचाव पक्ष ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- बिना कुलपति की अनुमति के अंदर घुसी थी फोर्स

मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष कॉलिन गोंसाल्विस ने कहा सौ से अधिक छात्रों ने पुलिस के द्वारा की गई बर्बरता की पुष्टि भी की है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 03:06 PM (IST)
Delhi Violence: बचाव पक्ष ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- बिना कुलपति की अनुमति के अंदर घुसी थी फोर्स
Delhi Violence: बचाव पक्ष ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- बिना कुलपति की अनुमति के अंदर घुसी थी फोर्स

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा मामले से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए। छात्रों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने जहां दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए छात्रों पर की गई पुलिस की बर्बरता मामले की जांच की मांग की।

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सलमान खुर्शीद ने कहा- कुलपति की अनुमति के बगैर कैसे पुलिस परिसर में घुसी

वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने सवाल उठाया कि बगैर कुलपति से अनुमति लिए पुलिस विश्वविद्यालय परिसर में कैसे घुस गई। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में भी पुलिस विश्वविद्यालय के अंदर बगैर कुलपति से अनुमति लिए नहीं घुस सकती। परिसर में घुसने से पहले कुलपति से अनुमति लेना चाहिए था। उन्होंने मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।

100 से अधिक छात्रों पर पुलिस ने ज्यादती की

मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष कॉलिन गोंसाल्विस ने कहा सौ से अधिक छात्रों ने पुलिस के द्वारा की गई बर्बरता की पुष्टि भी की है। उन्होंने कहा कि बसों को जलाने की कार्रवाई पुलिस द्वारा छात्रों को बदनाम करने के लिए की गई। उन्होंने इससे जुड़ी सीडी भी पीठ को दी।

वॉशरूम में घुसी छात्राओं पर पुलिस ने किया हमला

उन्होंने बताया कि वॉशरूम में घुसी छात्राओं पर भी पुलिस ने हमला किया। उन्होंने मांग की कि मामले की जांच दिल्ली पुलिस सीबीआइ से कराने के बजाए यूपी दंगों की जांच करने वाले चार डीजीपी को सौंपनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने हिंसा वाली रात घायल हुए छात्रों का नाम पढ़ते हुए कहा कि अभी तक इन्हें मुआवजा भी नहीं दिया गया है।

फोर्स का गलत तरीके से हुआ इस्तेमाल

वहीं, एक याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जय सिंह ने कहा कि पुलिस ने छात्रों के खिलाफ फोर्स का गलत इस्तेमाल किया। फोर्स का इस्तेमाल छात्रों को तितर-बितर करने के लिए न करके लाइब्रेरी, हॉस्टल और टॉयलेट में छिपे छात्रों को पीटने के लिए किया गया।


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