Delhi Violence: हिंसा में अब तक 38 लोगों की मौत, GTB अस्पताल में किया जा रहा पोस्टमार्टम
Delhi Violence गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल में गुरुवार को ही सभी शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। हिंसा में अब तक 38 की जान जा चुकी है।
नई दिल्ली, जेएनएन/एएनआइ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध और समर्थन करने वाले दो गुटों के बीच हिंसा में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, 34 मौत जीटीबी अस्पताल और 3 की मौत एलएनजेपी अस्पताल में हुई है। इसके अलावा जग परवेश चंदर हॉस्पिटल में एक की मौत हुई है।
एएनआइ के मुताबिक, जीटीबी अस्पताल ने 24 फरवरी से लेकर अब तक 215 पीड़ितों का इलाज किया है। 51 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। घायलों में सभी की हालत स्थिर है। इलाज के दौरान 9 मरीजों की मौत हो गई। 25 लोग मृत अस्पताल में लाए गए थे।
उधर, गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल के चिकित्सा, निदेशक डॉक्टर सुनील कुमार का कहना है कि गुरुवार को ज्यादा से ज्यादा लोगों के पोस्टमार्टम कर उनके शव परिजनों को सौंपने की कोशिश की जाएगी। इसलिए जो पोस्टमार्टम शाम 4 बजे तक होते थे अब रात 9 बजे तक किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो रात भर भी पोस्टमार्टम किया जाएगा।
नहीं हटा जाफराबाद रोड से धरना
यमुनापार में सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) के खिलाफ कई जगहों पर धरना चल रहा था। एक-एक कर इन स्थलों से या तो खुद प्रदर्शनकारी हट गए या पुलिस ने हटा दिया। लेकिन जाफराबाद में सड़क के किनारे अब भी धरना जारी है। यहां बैठी महिलाओं का कहना है कि वे यहां से नहीं हटेंगी। जाफराबाद में सड़क के किनारे बैठीं ये महिला प्रदर्शनकारी शनिवार को मेट्रो स्टेशन के नीचे प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इसके साथ उन्होंने सड़क भी बंद कर दी थी।
इसके विरोध में ही रविवार को कपिल मिश्र ने मौजपुर में सीएए के समर्थन में धरना शुरू किया था। हिंसा के बाद भी मंगलवार शाम तक सीएए के विरोध में प्रदर्शनकारी जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठे थे। कर्फ्यू लगाने के बाद पुलिस ने इन्हें यहां से हटा दिया। इसके बाद ये महिला प्रदर्शनकारी यहां से थोड़ी दूरी पर सड़क के किनारे धरने पर बैठ गईं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जहां ये बैठी हैं वह उनके थाना क्षेत्र में नहीं है और वहां कर्फ्यू भी नहीं लगा है। इसके अलावा चांद बाग से प्रदर्शनकारियों के टेंट उखाड़ दिए गए हैं।