Delhi Violation: कड़ी कार्रवाई के लिए आदेश का इंतजार करती रही पुलिस
चांदबाग में हिंसा को नियंत्रित करने पहुंचे शाहदरा के पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा प्रदर्शनकारियों के बीच घिर गए। उन पर लाठी-डंडों से हमला हुआ।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। राजधानी के विभिन्न इलाकों में रविवार शाम को हुई हिंसा के बाद सोमवार को भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर उपद्रव किया, लेकिन पुलिस कड़ी कार्रवाई से परहेज करती रही। हवलदार की हत्या के बाद भी पुलिस ने न लाठीचार्ज का आदेश दिया और न ही हवाई फाय¨रग कर उपद्रवियों को खदेड़ने का प्रयास किया। पुलिस मुख्यालय में अफसर हालात को लेकर मंथन करते रहे। सूत्र बताते हैं कि अफसर नहीं चाहते थे कि अमेरिकी राष्ट्रपति की मौजूदगी के बीच राजधानी में स्थिति विस्फोटक हो। इसी आशंका के चलते कार्रवाई से हिचकते रहे।
घटना को लेकर दिनभर पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों की बैठकें होती रही
सूत्रों के मुताबिक घटना को लेकर दिनभर पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों की बैठकें होती रही। आला अधिकारी, पूर्वी रेंज के पुलिस अधिकारियों से पल-पल की जानकारी लेकर उक्त सूचनाओं से गृह मंत्रालय को अवगत कराते रहे, लेकिन हिंसा पर तुरंत रोक कैसे लगाई जाए, इसको लेकर निर्णय नहीं ले सके। इस रवैये पर सवाल उठते रहे।
ऐसा पहली बार हुआ जब उपद्रवियों के सामने पुलिस बेबस दिखी
खुद पुलिस के आला अधिकारियों का कहना था कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब उपद्रवियों के सामने पुलिस बेबस दिख रही है। हालत यह रही कि उपद्रवियों के बीच बिना हथियार से जूझती पुलिस लाठीचार्ज व हवाई फायरिंग करने के लिए भी आदेश मिलने का इंतजार करती रही। बज्र वाहनों से आंसू गैस के गोले छोड़ने और वाटर केनन के भरपूर इस्तेमाल को लेकर भी पुलिस के कदम ठिठकते रहे। पुलिस अधिकारी खुद दबी जुबान सेे बोल रहे थे कि अगर रविवार रात ही पुलिस सख्ती से पेश आती तो सोमवार को पूरे जिले में हिंसा नहीं फैलती। कफ्
पहले कर्फ्यू की बात कही फिर पीछे हटे
सरेआम हिंसा होती रही, लेकिन पुलिस ने कफ्र्यू नहीं लगाया। इससे पहले जब भी सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई, तुरंत कर्फ्यू लगाया गया था। लेकिन इस बार हवलदार की मौत होने पर भी पुलिस सख्ती के मूड में नहीं दिख रही है। सोमवार दोपहर पुलिस मुख्यालय से मौखिक तौर पर उत्तर-पूर्वी जिला के दस थाना क्षेत्रों में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाने की बात कही गई, लेकिन शाम होते-होते निर्णय बदल गया और केवल धारा 144 लगाने की बात कही गई।
पुलिस उपायुक्त को बचाने के प्रयास में हुई रतन लाल की मौत
चांदबाग में हिंसा को नियंत्रित करने पहुंचे शाहदरा के पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा प्रदर्शनकारियों के बीच घिर गए। उन पर लाठी-डंडों से हमला होने लगा। गोकलपुर के एसीपी के रीडर रतनलाल उनको बचाने आगे बढ़े तो उनके सिर पर एक बड़ा पत्थर आकर लगा। उपद्रवी उनको पीटने लगे। कई अन्य पुलिसकर्मियों पर भी हमला हुआ। बाद में पहुंचे अतिरिक्त बल ने सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां रतन लाल को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं अमित शर्मा व तीन सब इंस्पेक्टरों को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तीन सब इंस्पेक्टरों की हालत गंभीर
अमित शर्मा के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। इसके साथ उनके हाथ में फ्रैक्चर भी है। उन्हें न्यूरो विभाग के आइसीयू भर्ती किया गया है। वहीं तीन सब इंस्पेक्टरों की हालत भी गंभीर बताई जा रहा है। दस से अधिक पुलिसकर्मी जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं। मूलरूप से सीकर, राजस्थान के रहने वाले रतन लाल 1998 में दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। उनकी पत्नी और दो बच्चे बुराड़ी में रहते हैं।
पांच मेट्रो स्टेशन रहे बंद
उपद्रव के चलते पिंक लाइन मेट्रो के जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन बंद रखे गए। सोमवार की शाम को तीन और मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया। शाम के समय पिंक लाइन के गोकुलपुरी, जौहरी एंक्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया।