Delhi Election 2025: दिल्ली में कब होंगे विधानसभा चुनाव? ECI ने अधिकारियों संग की बैठक
Delhi Election 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग (ECI) हरकत में आ गया है। ECI ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधि ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटने व फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनवाने के राजनीति दलों के आरोप प्रत्यारोप के बीच चुनाव आयोग ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ), निर्वाचन अधिकारियों व पुलिस (delhi police) के साथ एक बैठक की।
जिसमें मतदाता सूची में सुधार के लिए चल रहे विशेष सारांश संशोधन अभियान व आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के संशोधन अभियान में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल करने व पूरी पारदर्शिता रखने का निर्देश दिया। साथ ही सीईओ व जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया कि मौके पर सत्यापन सत्यापन के बगैर किसी मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं काटा जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिया ये निर्देश
सीईओ कार्यालय के सूत्रों के अनुसार बैठक में आयोग ने अपने निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है। मतदाता सूची में संशोधन प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सीईओ और जिला निर्वाचन अधिकारियों को गौर करने भी निर्देश दिया है।
EC today held a meeting with the CEO Delhi, all DEOs, ROs, DCPs, and other nodal officials to review the progress of the ongoing Special Summary Revision 2025 and the poll preparedness for the forthcoming General Election to the Delhi Legislative Assembly#ECI pic.twitter.com/6DNwRwbEQh
— Election Commission of India (@ECISVEEP) December 12, 2024
साथ ही राजनीतिक दलों की शिकायतों पर तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को सौंपने का निर्देश दिया है। ताकि आयोग उसकी समीक्षा कर सके। इसके अलावा आयोग ने निर्देश दिया है कि राजनीतिक दलों की आपत्तियों व शिकायतों का तुरंत व तथ्यात्मक रूप से निवारण होना चाहिए।
मतदाता सूची से नाम काटने से पहले ये काम करने के मिले निर्देश
मतदाता सूची में सुधार के लिए मिलने वाली शिकायतों और दावों को हर सप्ताह राजनीतिक दलों से साझा किया जाए और उसे सीईओ व जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाए।
मतदाता सूची से किसी का नाम काटने से पहले बूथ लेवल अधिकारियों द्वारा मौके पर जानकर सत्यापन करना जरूरी है। इसके अलावा मतदाता को नोटिस भेजकर उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर देना आवश्यक है। इसके बगैर किसी मतदाता का मतदाता सूची से नाम काटने की स्वीकृति नहीं है।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ने नेताओं ने चुनाव आयोग से मिलकर भाजपा पर 22,649 वोट कटवाने का आरोप लगाया था। वहीं भाजपा आम आदमी पार्टी पर फर्जी वोटर बनवाने का आरोप लगा था। बहरहाल, विशेष सारांश संशोधन अभियान के तहत मतदाता सूची में सुधार और नए नाम शामिल करने के लिए सीईओ कार्यालय को एक माह करीब सवा दो लाख आवेदन मिले थे।
वैसे लोग अब भी मतदाता सूची में गलतियों सुधार के लिए आवेदन दे सकते हैं।24 दिसंबर तक मतदाता सूची में संशोधन की यह प्रक्रिया पूरी करनी है। इसके बाद छह जनवरी को फाइनल मतदाता सूची जारी होगी।

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