Delhi Vehicle Theft News: साफ्टवेयर बेस्ड हैकिंग टूल से ऐसे करते थे वाहन चोरी, रवि गैंग के तीन गिरफ्तार
वे साफ्टवेयर पर आधारित हैकिंग टूल का इस्तेमाल करते थे जिससे वे गाड़ी को अनलाक करके गाड़ी के साफ्टवेयर को फार्मेट कर देते थे और नया साफ्टवेयर इंस्टाल करके पांच मिनट के अंदर कार उड़ा ले जाते थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिण पश्चिमी जिले की एएटीएस ने शुक्रवार को उत्तम नगर के वाहन चोर रवि गैंग के तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों से तीन हुंडई क्रेटा, दो मारुति ब्रेजा, एक ह्युनडई वेन्यू और एक मारुित स्विफ्ट कार, दो तमंचा, पांच कारतूस, कारों की 30 चाबियां और गाड़ियों का लाक खोलने के लिए प्रयोग किए जाने वाली हैकिंग डिवाइस और टूल किट बरामद हुई है।
आरोपितों की पहचान हस्तसल के जनता फ्लैट्स निवासी मनीष राव (43), जगदीप शर्मा (42) व मेरठ के पूर्व अहमद नगर निवासी आस मोहम्मद (40) के रूप में हुई है। इस गिरफ्तारी से पुलिस ने अलग-अलग थानों में दर्ज करीब आठ मामले सुलझ गए हैं। यह गैंग दिल्ली व एनसीआर, उत्तर प्रदेश के मेरठ, राजस्थान व कई अन्य राज्यों में चोरी की कारें बेचते थे। आरोपित कारों को चुराकर जैमर की सहायता से उनमें लगे जीपीएस बंद करके कार के साथ फरार हो जाते थे।
दक्षिण-पश्चिमी जिले में वाहन चोरी की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए एएटीएस की टीम बनाई गई। एसीपी सुरेंद्र यादव की देखरेख में टीम में एएटीएस के इंचार्ज आनंद कुमार के नेतृत्व में एसआइ संजीव बालियान, एसआइ सुरेश कुमार, एसआइ गौतम मलिक, एएसआइ हेमंत शर्मा, एएसआइ प्रवीण कुमार, हेडकांस्टेबल हरिओम, हेड कांस्टेबल अजय गुलिया, कांस्टेबल रविंद्र, कांस्टेबल राकेश, कांस्टेबल राघमेंद्र और कांस्टेबल धर्मेंद्र को शामिल किया गया।
टीम ने स्थानीय लोगों और तकनीकी की मदद से राजधानी में क्रेटा कार की डीलिंग करने आए आरोपितों मनीष और मोनू को गिरफ्तार कर उनसे दो तमंचा और पांच कारतूस बरामद किया। आरोपित की निशानदेही पर पुलिस एक क्रेटा कार बरामद की जिसके अंदर से कारों की कई चाबियों व सेंसर्स सहित एक हैकिंग टूल किट बरामद हुआ।
इसके बाद पुलिस ने तीसरे आरोपित आस मोहम्मद को भी क्रेटा कार चोरी के मामले में गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अलग-अलग जगह पर छापे मारकर पांच अन्य कारें भी बरामद की। आरोपितों ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि उन्होंने अपने लीडर रवि के नेतृत्व में अब तक 40 से भी अधिक कारें चुराईं हैं। इसे वे राजस्थान और मेरठ में अपने रिसीवर के पास बेच देते थे।
वे साफ्टवेयर पर आधारित हैकिंग टूल का इस्तेमाल करते थे जिससे वे गाड़ी को अनलाक करके गाड़ी के साफ्टवेयर को फार्मेट कर देते थे और नया साफ्टवेयर इंस्टाल करके पांच मिनट के अंदर कार उड़ा ले जाते थे और आसपास में ही बिना सीसीटीवी वाली पार्किंग या सड़क के किनारे खड़ा कर देते थे। इसके बाद रिसीवर की डिमांड पर कार पहुंचा देते थे।