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Delhi University: प्रतिभा निखारने को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों को देगा मातृभाषा में अध्ययन की सुविधा

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को अब मातृभाषा में अध्ययन करने की सुविधा मिलेगी। भाषा का बैरियर तोड़ने के लिए विश्वविद्यालय ने सभी पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद क्षेत्रीय भाषा में कराने का निर्णय लिया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 02:04 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 03:44 PM (IST)
Delhi University: प्रतिभा निखारने को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों को देगा मातृभाषा में अध्ययन की सुविधा
डीयू से स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को अब मातृभाषा में अध्ययन करने की सुविधा मिलेगी।

संजीव कुमार मिश्र, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को अब मातृभाषा में अध्ययन करने की सुविधा मिलेगी। भाषा का बैरियर तोड़ने के लिए विश्वविद्यालय ने सभी पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद क्षेत्रीय भाषा में कराने का निर्णय लिया है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए डीयू ने एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है।

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डीन आफ कालेज प्रो बलराम पाणि ने बताया कि स्नातक, स्नातकोत्तर के भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान समेत अन्य पाठ्यक्रमों की किताबों का ¨हदी, बंगाली, तमिल सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद होगा। सभी विभागाध्यक्षों को पाठ्यक्रमों की 10 उत्कृष्ट किताबों के नाम की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है।

एक बार सूची प्राप्त होने के बाद शोधकर्ताओं, अनुवादकों के जरिये अनुवाद कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। क्षेत्रीय भाषाओं की चयन प्रक्रिया के बारे में डीयू प्रशासन बहुत जल्द बैठक करने वाला है। एक अधिकारी ने बताया कि डीयू में जिस भाषा व क्षेत्र के छात्र ज्यादा हैं, उस क्षेत्र को अनुवाद में प्राथमिकता दी जा सकती है। पीएम ने दी सलाहडीयू प्रशासन ने बताया कि बृहस्पतिवार को 'आत्मनिर्भर भारत के लिए शिक्षा, शोध और कौशल विकास' विषय पर वेबिनार का आयोजन हुआ। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया।

कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी, डीन आफ कालेज प्रो बलराम पाणि समेत अन्य पदाधिकारियों ने वेबिनार देखा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, जरूरत भाषा के बैरियर से बाहर निकलकर भारतीय भाषाओं में सामग्री उपलब्ध कराने की है। तकनीक के इस युग में यह पूरी तरह संभव है। पीएम की सलाह पर डीयू ने अमल शुरू कर दिया है।

दिल्ली के सर्वाधिक छात्रस्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए दिल्ली से सर्वाधिक एक लाख 42 हजार से अधिक छात्रों ने आवेदन किया था। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश से आवेदन मिले थे। हरियाणा तीसरे, बिहार चौथे व राजस्थान पांचवे स्थान पर था। इसके अलावा उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, झारखंड, केरल, पं बंगाल से बड़ी संख्या में छात्रों ने आवेदन किया था। 


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