Delhi University के इतिहास विभाग में PhD एडमिशन पर उठ रहे सवाल, विभागाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की तत्कालीन विभागाध्यक्ष प्रो. सीमा बावा सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन और विभाग प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया ह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के इतिहास विभाग में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसके विरोध में छात्र पिछले आठ दिनों से भूख हड़ताल कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान नियमों का खुला उल्लंघन किया गया है।
26 पदों पर हुए थे पीएचडी में प्रवेश
इतिहास विभाग की तत्कालीन विभागाध्यक्ष प्रो. सीमा बावा सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन और विभाग प्रमुख के पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। छात्र प्रवेश प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
डीयू में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। 18 सितंबर से 22 सितंबर तक इतिहास विभाग में 26 पदों पर प्रवेश आयोजित किए गए थे।
.jpg)
प्रवेश के लिए हर दो साल में विभागीय अनुसंधान समिति (डीआरसी) का गठन किया जाता है। समिति संकायाध्यक्ष द्वारा अनुमोदित की जाती है। इस समिति को बनाने का प्रविधान अध्यादेश छह बी में दिया गया है।
छात्रों ने लगाया नियमों के उल्लंघन का आरोप
इस अध्यादेश में कहा गया है कि इस समिति में रोटेशन वरिष्ठता के आधार पर चार प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर, दो सहायक प्रोफेसर को शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही, इसमें विभागाध्यक्ष, वीसी प्रतिनिधि और पूर्व प्रमुख भी शामिल हैं। छात्रों का आरोप है कि समिति में 2021 से 23 तक जो सदस्य शामिल थे।
उन्हें ही 2023 से 2025 के लिए बनाई गई समिति में शामिल कर लिया गया है। प्रोफेसर के वरिष्ठता के क्रम का ख्याल नहीं रखा गया। यह नियमों का उल्लंघन है। ऐसे में समिति की ओर लिए गए फैसले सही नहीं कहे जा सकते।
Also Read-
Delhi News : खाली रह सकती हैं Delhi University की स्नातक की सीटें, जून में मांगे गए थे आवेदन
तीन अक्टूबर को विभागाध्यक्ष प्रो. सीमा बावा ने दिया इस्तीफा
छात्रों ने कहा, उन्होंने आपत्ति जताई थी, कुछ प्रोफेसर ने भी विरोध किया था। लेकिन, इनको दरकिनार कर दिया गया। तीन अक्टूबर को तत्कालीन विभागाध्यक्ष प्रो. सीमा बावा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
छात्रों ने मांग की है कि प्रोफेसर सीमा बावा द्वारा गठित अवैध विभागीय अनुसंधान समिति को रद्द किया जाए। अध्यादेश छह बी के आधार पर नई विभागीय अनुसंधान समिति का गठन हो।
डीयू की कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद द्वारा अध्यादेश छह बी का वार्षिक लेखा परीक्षण किया जाय। प्रो. सीमा बावा को निलंबित किया जाए। मामले में इतिहास विभाग के प्रमुख प्रो. प्रभु महापात्रा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।