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दिल्ली में 18 लाख वाहनों के खिलाफ एक्शन की तैयारी, कटेगा 10 हजार रुपये का चालान

Delhi Traffic Challan News दिल्ली में 18 लाख वाहन बगैर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) के दौड़ रहे हैैं। इनमें दो पहिया की संख्या अधिक है। बगैर पीयूसी वाले साढ़े 13 लाख दो पहिया वाहन हैं जबकि चार लाख 20 हजार कारें ऐसी हैं जिनके पास पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 02:47 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 03:25 PM (IST)
दिल्ली में 18 लाख वाहनों के खिलाफ एक्शन की तैयारी, कटेगा 10 हजार रुपये का चालान
दिल्ली में 18 लाख वाहनों के पास पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली में 18 लाख वाहन बगैर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) के दौड़ रहे हैैं। इनमें दो पहिया की संख्या अधिक है। बगैर पीयूसी वाले साढ़े 13 लाख दो पहिया वाहन हैं जबकि चार लाख 20 हजार कारें ऐसी हैं जिनके पास पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है। परिवहन विभाग अब ऐसे वाहनों के खिलाफ और सख्ती करने जा रहा है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ दिन पहले कंप्यूटर ब्रांच से वाहनों का डेटा मांगा गया था, मिले डेटा के अनुसार दिल्ली में एक करोड़ 34 लाख वाहन चल रहे हैं। जिनमें 18 लाख वाहनों के पास पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं हैं।

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उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मसला है, लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस बारे में लापरवाही ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि सौ से भी कम रुपये में बनने वाले पीयूसी प्रमाणपत्र के लिए लोेगों को 10 हजार का चालान कटवाना पडे़।

स्थिति पर गौर करें तो प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के मामले में परिवहन विभाग की सख्ती का असर दिख रहा है। विभाग की सख्ती के बाद अब अगस्त की तुलना में प्रतिदिन दोगुने प्रमाणपत्र बन रहे हैं। अगस्त में प्रतिदिन 10 हजार प्रमाणपत्र बन रहे थे जो अब 20 हजार प्रतिदिन बन रहे हैं। आंकडों पर नजर डालें तो 10 अगस्त से एक सितंबर तक प्रतिदिन औसतन 10 हजार पीयूसी प्रमाणपत्र बन रहे थे। मगर सितंबर के शुरू में परिवहन विभाग ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की और लोगों को सलाह दी कि अपने पीयूसी प्रमाणपत्र बनवा लें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद पीयूसी बनवाने वालों में कुछ जागरुकता आई और पीयूसी का आंकड़ा एकाएक बढ़ने लगा। यानी दो सितंबर से 18 सितंबर तक औसत 15 हजार प्रतिदिन पर पहुंच गया। इसके बाद विभाग ने 15 दिन में दो बार फिर एडवाइजरी जारी की। जिसके बाद 19 सितंबर से 2 अक्टूबर तक प्रतिदिन औसतन 20 हजार पीयूसी बनाए जा रहे हैं। तीन अक्टूबर से छह अक्टूबर के दौरान भी 20 हजार प्रतिदिन के हिसाब से पीयूसी बने हैं। अब सात अक्टूबर से विभाग ने बगैर पीयूसी वालों के खिलाफ चालान काटने का अभियान शुरू किया है।

विभाग का मानना है कि अब पीयूसी प्र्रमाणपत्र का आंकड़ा बढ़ जाना चाहिए। विभाग ने शुक्रवार को 13 लाख ऐसे लोगों को उनके मोबाइल पर मैसेेज भी भेजे हैं जिन्होंने पीयूसी की वैधता समाप्त हो जाने के बाद भी दोबारा पीयूसी नहीं बनवाया है।

वैध पीयूसी के बिना वाहन चलाने पर परिवहन विभाग ने सार्वजनिक सूचना के माध्यम से पहले ‌ही 10 हजार का जुर्माना लगाने की घोषणा कर रखी है। वैध पीयूसी के बिना गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ 10 हजार के जुर्माने साथ-साथ तीन महीने तक उनका लाइसेंस भी निलंबित किया जाएगा।

इस पर अमल करते हुए परिवहन विभाग ने बृहस्पतिवार से बड़ा अभियान शुरु किया है। परिवहन विभाग ने लोगों से अपील की है कि प्रदूषण के खिलाफ अभियान में सभी अपना सहयोग दें और अपनी गाड़ी को वैध पीयूसी के साथ ही चलाएं। प्रदूषण एक बड़ी समस्या है और सबको मिलकर इस अभियान में शामिल होना है। विभाग का यह अभियान और तेज होगा और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। य‌हां बता दें कि दिल्ली में अब सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या बढ़ेगी। वाहनों से होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। दिल्ली में करीब 973 पीयूसी सेंटर हैं, जहां पीयूसी प्रमाणपत्र बनवाया जा सकता है।

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