मंजिल तक पहुंचाने वाली सड़क दे रही मौत, हादसों में मरने वाला तीन में से एक दोपहिया चालक
गत छह वर्षों के दौरान दोपहिया वाहन चालकों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
नई दिल्ली (संजीव कुमार मिश्र)। राजधानी दिल्ली की सड़कें दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो रही हैं। कहीं सड़कों की डिजाइन संबंधी खामियां तो कहीं तेज रफ्तार। कुलमिलाकर शराब पीकर गाड़ी चलाना वाहन चालकों के लिए मौत का सबब साबित हो रहा है। गत छह वर्षों के दौरान दोपहिया वाहन चालकों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह बात यातायात पुलिस द्वारा सड़क हादसों के कारण व निवारण के लिए की गई हालिया रिसर्च में सामने आई है।
यातायात पुलिस ने रिसर्च से पता चले तथ्यों के बाद गत दिनों सर्कुलर जारी कर बिना हेलमेट पहने चालकों पर सख्ती बरतने की बात कही है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सड़क हादसों पर नकेल कसने के मकसद से हाल के वर्षो में सड़क हादसों पर विस्तृत अध्ययन शुरू किया गया।
इसी क्रम में 2016 में हुए सड़क हादसों, खतरनाक सड़कों एवं हादसों के पीछे कारणों व निवारण की पड़ताल के लिए भी अध्ययन किया गया था। इसकी रिपोर्ट कुछ दिन पहले ही जारी हुई, जिसमें कहा गया कि इस वर्ष कुल 7375 सड़क हादसों में 1591 लोगों की मौत हुई, जबकि 7154 लोग घायल हुए।
राहगीरों के बाद सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन सवारों की मौत हुई। यानी सड़क हादसों में मरने वालों में हर तीन में से एक व्यक्ति दोपहिया वाहन सवार था। रिपोर्ट की मानें तो बुराड़ी, नजफगढ़, नरेला, मंगोलपुरी, कल्याणपुरी, द्वारका, अलीपुर सर्किल में सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन सवार हादसों का शिकार बने।