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    Delhi Trade Fair 2023: व्यंजनों का जायका बढ़ाने वाले ये बर्तन हैं खास, ठहर रही आने-जाने वालों की नजर

    By Nimish HemantEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Sun, 26 Nov 2023 12:15 PM (IST)

    शनिवार को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला देखने पहुंचने वालों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई। मेला आयोजक आइटीपीओ के अनुसार शाम तक मेला देखने पहुंचने वालों की संख्या एक लाख 10 हजार के पार पहुंच चुकी थी। जबकि शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने के दर्शकों के आने का सिलसिला जारी था। लोगों की मौजूदगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।

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    Delhi Trade Fair 2023: व्यंजनों का जायका बढ़ाने वाले ये बर्तन हैं खास

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। व्यंजनों में जायका आम तौर पर मसालों से आता है। उसमें भी मां के हाथ के खाने की बात ही क्या है। पर विश्व व्यापार मेले में ऐसे खास बर्तन लोगों को आकर्षित किए हुए हैं, जो व्यंजनों का जायका बढ़ाने का दमखम रखते हैं। इनकी जबरदस्त मांग भी है।

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    मेले के हरियाणा के पवेलियन में फरीदाबाद के पवन प्रजापति के स्टाल पर मिट्टी से आकार लिए कूकर, दाल की हांडी, साग हांडी, कुल्हड़, कटोरी, तवा, गिलास समेत अन्य उत्पाद क्रंकीट के शहर निवासियों को खास लुभा रही है। वहां से गुजरते लोगों की नजर ठहर जा रही है। फिर शुरू हो रहा है मोल-तोल और खरीदारी का दौर। इसमें भी मिट्टी का कूकर खरीदारों को खूब पसंद आ रहा है।

    800 से 1,200 रुपये तक कूकर की कीमत

    दो से लेकर पांच लीटर तक के कूकर की कीमत 800 से 1,200 रुपये तक है। पवन प्रजापति ने बताया कि कूकर विशेष पोखरे की मिट्टी से बनाया जाता है, जो मजबूत रहता है। इसलिए यह सीटी लगाने पर भी फटता नहीं है। वह दावा करते हैं कि अगर इसे संभालकर रखा जाए तो यह सालों चल सकती है।

    पवन प्रजापति ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है, लेकिन पीढ़ियों के इस हुनर को छोड़ा नहीं और स्वरोजगार पर जोर दिया। वह बताते हैं कि उनके भाई देवीराम प्रजापति ने फाइन आर्ट में मास्टर किया है। उनकी कला से उनके परंपरागत हुनर में आधुनिकता आई है। आने वाली पीढ़ी भी इसी पेशे में आने को लेकर उत्सुक है।

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    मेला देखने आने वालों की संख्या एक लाख के पार

    सप्ताहंत में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला देखने पहुंचने वालों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई। मेला आयोजक आइटीपीओ के अनुसार शाम तक मेला देखने पहुंचने वालों की संख्या एक लाख 10 हजार के पार पहुंच चुकी थी। जबकि शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने के दर्शकों के आने का सिलसिला जारी था।

    लोगों की मौजूदगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। पवेलियनों से लेकर फूड कोर्ट में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। लोग कतार लगाकर आगे बढ़ रहे थे या खाने पीने का सामान खरीद रहे थे। अधिक संख्या महिला और बच्चों की थी।

    सुबह से ही प्रवेश गेटों पर मेला देखने वाले लोगों की भीड़ पहुंचने लग गई थी और दिन चढने के साथ-साथ यह और बढती गई। स्थिति यह थी कि गेट नंबर 10 से प्रवेश करने के लिए लोगों का आधे-आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा था।

    इसी तरह हाल नंबर 12ए और 8 से 11 तक में इतनी ज्यादा भीड़ थी कि चलना तक मुश्किल हो गया था। साथ ही अधिक लोगों की मौजूदगी से एसी चलने के बाद भी गर्मी हो रही थी। मेला आयोजकों ने रविवार को मेले मे और ज्यादा भीड़ पहुंचने की संभावना जताई है। मेला आयोजकों को उम्मीद है कि रविवार को मेला देखने आने वालों की संख्या सवा लाख को पार कर सकती है।