Delhi Tihar Jail Viral Video: तिहाड़ जेल में कैदी के 'खुलासे' से अफसरों में हड़कंप, वीडियो हो रहा वायरल
Delhi Tihar Jail Viral Video वीडियो में शख्स खुद को जेल संख्या एक में बंद विचाराधीन कैदी बताते हुए जेल के अफसर पर कैदियों को मोबाइल फोन उपलब्ध कराने का आरोप लगा रहा है।
नई दिल्ली [गौतम मिश्रा]। Delhi Tihar Jail Viral Video: ठीक 2 महीने पहले 20 मार्च को निर्भया के चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश कुमार और अक्षय ठाकुर) को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। तब यह देश के साथ दुनिया भर में चर्चा में आया था। अब तिहाड़ जेल फिर चर्चा में है। दरअसल, अब तिहाड़ जेल से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो बना रहा शख्स खुद को जेल संख्या एक में बंद विचाराधीन कैदी बताते हुए जेल के एक सहायक अधीक्षक पर कैदियों को मोबाइल फोन उपलब्ध कराने का आरोप लगा रहा है। इस शख्स ने इस बात की भी आशंका जाहिर की है कि शायद वीडियो के बारे में पता चलने पर जेल के अधिकारी उसे प्रताड़ित करें। वायरल हो रहे इस वीडियो के बावत जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक राजकुमार का कहना है कि मामले की जांच हो रही है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स के पास से कोई मोबाइल बरामद हुआ है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।
वीडियो में जेल प्रशासन पर आरोप लगा रहा शख्स स्मार्टफोन से वीडियो बना रहा है। उसके पास तीन और मोबाइल रखे हैं। कैदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कैदियों को मोबाइल फोन उपलब्ध कराए जाने के लिए जेल अधिकारियों का पूरा नेटवर्क है। उसने न सिर्फ सहायक अधीक्षक पर बल्कि जेल के कई उच्चाधिकारियों पर भी आरोप लगाए हैं।
स्मार्टफोन के आगे बेबस हैं तिहाड़ के जैमर
तिहाड़ जेल में कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न कर सकें, इसके लिए समय-समय पर आधुनिक तकनीक से लैस नए जैमर लगाने की बात होती रही है, लेकिन इस पर कभी अमल नहीं किया गया। आजकल के स्मार्टफोन में थ्रीजी से लेकर फोरजी तक की तकनीक का इस्तेमाल होता है, लेकिन तिहाड़ के जैमर न तो थ्रीजी न ही फोरजी तकनीक से लैस मोबाइल की तरंगों को रोक सकते हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि पुराने तकनीक वाले जैमर टूजी तरंगों को रोक पाने में सक्षम हैं।
वहीं, जेल सूत्रों का कहना है कि ऐसे जेल जिसकी दीवार मुख्य सड़कों या आवासीय परिसर के किनारे से गुजरती है, वहां बाहर से मोबाइल अंदर फेंका जाता है। इसके अलावा तिहाड़ में कैदियों की तलाशी के लिए बॉडी स्कैनर लगाने की बात लंबे समय से हो रही है। ये स्कैनर शरीर के भीतर मौजूद बाहरी सामानों की पड़ताल कर लेते हैं। अभी यह सुविधा नहीं होने से कैदी अपने शरीर में नशीला पदार्थ या मोबाइल छुपाकर ले जाने में कामयाब हो जाते हैं।