Move to Jagran APP

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर लाखों किरायेदार चिंतित, लटक रही बेदखली की तलवार

वक्फ संशोधन विधेयक में किरायेदारों के लिए राहत का प्रावधान नहीं होने से चिंतित किरायेदारों ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल से मुलाकात की। वे जल्द ही अपनी चिंताओं को लेकर जेपीसी को अपने सुझाव सौंपेंगे। चांदनी चौक फतेहपुरी कश्मीरी गेट और चावड़ी बाजार जैसे बाजारों में 2500 से अधिक दुकानदार किरायेदार हैं। इन पर बेदखली की तलवार लटक रही है।

By Nimish Hemant Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 01 Oct 2024 09:59 AM (IST)
Hero Image
जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल को वक्फ संशोधन विधेयक संबंधित सुझाव सौंपते वक्फ संपत्ति किरायेदार।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) में खुद के लिए राहत का प्रविधान न होने से वक्फ संपत्ति के बड़े साझेदार किरायेदार चिंतित हैं और हाल ही में जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल से मुलाकात कर अपनी चिंताओं को साझा किया था। जल्द ही ये जेपीसी को अपने सुझाव सौंपेंगे, जिसमें उनकी चिंताओं को भी संशोधन कानून में शामिल करने की मांग होगी।

जंतर-मंतर पर किया था आंदोलन

उनका आरोप है कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने वक्फ कानून में वर्ष 2013 में संशोधन कर उनके भविष्य को अंधेरे में डाल दिया है। उसके बाद से सर्कल दर पर किराया बढ़ाने व बेदखली के सैकड़ों नोटिस वक्फ बोर्ड द्वारा उन लोगों को थमाए गए। इसके विरुद्ध उन लोगों ने वर्ष 2019 में जंतर-मंतर पर आंदोलन किया था।

फिलहाल उनका यह मामला सुप्रीम कोर्ट से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है। किरायेदारों के मुताबिक मौजूदा संशोधन विधेयक के अनुसार भी दस्तावेज के आधार पर संपत्ति के वक्फ घोषित होने या उससे बाहर होने, दोनों की स्थिति में वह सीधे प्रभावित होंगे, लेकिन उनके लिए कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है।

दिल्ली के बाजारों में हैं 2,500 से अधिक दुकानदार किरायेदार

चांदनी चौक, फतेहपुरी, कश्मीरी गेट व चावड़ी बाजार जैसे पुरानी दिल्ली के थोक बाजारों समेत दिल्ली के अन्य बाजारों में 2,500 से अधिक दुकानदार किरायेदार हैं। अनिश्चितता का यह माहौल दिल्ली समेत देशभर के वक्फ किरायेदारों की है।

एक अनुमान के अनुसार देशभर में वक्फ संपत्तियों के 10 से 12 लाख किरायेदार हैं। चावड़ी बाजार में दुकानदार केतन शाह बताते हैं कि उनका परिवार इस संपत्ति में 110 वर्षों से किरायेदार हैं, लेकिन पूर्व के संशोधन से अब उन पर बराबर बेदखली की तलवार लटकी है। जबकि, उनके परिवार ने जब यह दुकान ली थी, तब एक निश्चित रकम पगड़ी के रूप में दी थी।

साथ ही प्रतिमाह किराया देता है, लेकिन पिछले संशोधन में मिले अधिकार से वक्फ बोर्ड ने मनमाने तरीके से बाजार के सर्कल रेट के आधार पर किराया देने के साथ ही बोली के आधार पर दुकानों को आवंटित करने का नोटिस थमाया था।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें