Delhi: मानसिक रोगियों की जिंदगी बचा रहा टेली-मानस, अब तक 1800 मरीजों का हुआ इलाज; आप भी एक कॉल पर पाएं समाधान
Delhi Mental Treatment देश में मानसिक तनाव से पीड़ित लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस और ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में मानसिक तनाव से पीड़ित लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस और नेटवर्किंग अक्रास स्टेटस (टेली-मानस) सुविधा काफी कारगर साबित हो रही है। दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास, IHBAS) में सुविधा की शुरूआत से अब तक करीब 1800 मानसिक रोगियों की समस्या का इलाज किया जा चुका है।

टेली-मानस सुविधा के जरिए आप एक कॉल पर भूलने की बीमारी, अवसाद, उदासी, काम में मन न लगना, मन में खुदकुशी के विचार आना सहित अपनी सभी प्रकार की मानसिक परेशानियों का उपचार पा सकते हैं। इहबास के मनोचिकित्सों का कहना है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक होकर अपनी परेशानियों को हल करना चाहिए।
दिल्ली का इहबास पांच केंद्रों में से एक
इहबास के उप-चिकित्सा अधीक्षक व मनोचिकित्सा के प्रोफेसर डा. ओम प्रकाश ने बताया कि टेली-मानस कमजोर समूहों के साथ-साथ बुजुर्गों और ग्रामीण समूहों जैसी आबादी तक भी सेवाएं पहुंचा रहा है। राजधानी का इहबास पूरे भारत में पांच केंद्रों में से एक है। उन्होंने बताया कि टेली-मानस परीक्षाओं के परिणाम से उदास या अवसाद की स्थिति में पहुंचने वाले बच्चों की मनोदशा को सुधारने में काफी लाभदायक है।
डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि टेली-मानस आइवीआरएस प्रणाली पर काम करता है। इसमें सबसे पहले काउंसलर ही पीड़ित की मानसिक परेशानी को हल करते हैं। यदि किसी पीड़ित को गंभीर समस्या होती है, तब मनोचिकित्सक उससे व परिवार से बात कर इलाज बताते हैं।
हेल्पलाइन पर कॉल कर पा सकते हैं समाधान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए 14416 और 1800-91-44116 हेल्पलाइन नंबर भी जारी की थी। जिस पर नागरिक कॉल करके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता और सेवा प्राप्त कर सकते हैं। इस पर कॉल करने वाले व्यक्ति को प्रशिक्षित काउंसलर से जोड़ा जाता है।
टेली-मानस से खुदकुशी व डिमेंशिया का हुआ इलाज
डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि एक गीता कालोनी निवासी लड़की ने बताया था कि उनके मन में दिन में कई बार खुदकुशी के विचार आते हैं और किसी काम को करने में मन नहीं लगता है। ऐसे में मनोचिकित्सक ने उनकी मां से बात की और बेटी के इलाज के लिए इहबास बुलाया गया। कुछ दिन इलाज चलने के बाद बेटी पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
इसी क्रम में गीता कालोनी निवासी एक महिला ने अपनी सास की भूलने की बीमारी का जिक्र किया था। महिला ने बताया था कि वह भोजन खाने के बाद भी खाना मांगती हैं, घर का पता भूल जाती हैं, गैस का चूल्हा खुला छोड़ देने जैसी अन्य भूल भी करती हैं। उनकी सास की समस्या पर गौर करते हुए मनोचिकित्सक ने उनका उपचार किया। अब वह स्वस्थ हैं।

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