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कोरोना से निपटेंगे के लिए तैयार हो रहे हैं दिल्‍ली के छह बड़े अस्पताल, एम्स और RML में भी बदलाव

दिल्ली में छह बडे सरकारी अस्पताल मिलकर कोरोना के संभावित खतरे से निपटेंगे। उन अस्पतालों को तैयार किया जा रहा है। इनमें सिर्फ कोरोना का इलाज होगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 11:06 PM (IST)
कोरोना से निपटेंगे के लिए तैयार हो रहे हैं दिल्‍ली के छह बड़े अस्पताल, एम्स और RML में भी बदलाव
कोरोना से निपटेंगे के लिए तैयार हो रहे हैं दिल्‍ली के छह बड़े अस्पताल, एम्स और RML में भी बदलाव

नई दिल्ली (रणविजय सिंह)। वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए सरकार की तैयारियां काफी हद तक आकार ले चुकी हैं और कोरोना के लिए अधिकृत अस्पतालों का चयन कर लिया गया है। जिसके बाद यह बात सामने आई है कि दिल्ली में छह बडे सरकारी अस्पताल मिलकर कोरोना के संभावित खतरे से निपटेंगे। उन अस्पतालों को तैयार किया जा रहा है। इनमें सिर्फ कोरोना का इलाज होगा। एम्स व आरएमएल अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर भी इसमें शामिल है। इन दोनों ट्रॉमा सेंटर को भी खाली कर कोरोना पीड़ित और उसके संदिग्ध मरीजों के इलाज की व्यवस्था की जाएगी।

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देश का सबसे बड़ा ट्रामा सेंटर

एम्स का ट्रॉमा सेंटर हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए देश का सबसे बड़ा सेंटर है। जिसमें प्रतिदिन 175 से 200 हादसा पीड़ित इलाज के लिए पहुंचते हैं। आरएमएल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भी हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए अच्छी व्यवस्था है लेकिन अब इसे कोरोना के लिए तैयार किया जा रहा है।

लॉकडाउन में कम हुए सड़क हादसे

लॉकडाउन के कारण सड़क हादसे काफी हद तक रुक गए हैं। एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर कहते हैं कि इन दिनों सड़क हादसे के मामले नहीं पहुंच रहे हैं। छत या कहीं से गिर कर घायल वाले लोग जरूर पहुंच रहे हैं। ऐसे 30-40 मरीज इन दिनों पहुंच रहे हैं। इनमें गंभीर हादसा पीड़ित बहुत कम होते हैं। एम्स का ट्रॉमा सेंटर संस्थान के मुख्य परिसर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है। इसलिए इसे कोरोना के इलाज के लिए बेहद सुरक्षित माना जा रहा है। इस ट्रॉमा सेंटर में करीब 248 बेड है। जिसमें 22 प्राइवेट वार्ड है। सोमवार से एम्स रणविजय सिंह ट्रॉमा सेंटर में हादसा पीडित भर्ती नहीं लिए जाएंगे। ट्रॉमा सेंटर से जुडे कार्य एम्स की इमरजेंसी में स्थानांतरित होंगे। इसलिए कुछ समय तक हादसा पीडितों का इलाज इमरजेंसी में ही होगा। साथ ही ट्रॉमा सेंटर में बने बर्न व प्लास्टिक सर्जरी सेंटर में भी आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं।

आरएमएल में 70 बेड ही होगी सुविधा

केंद्र सरकार के आरएमएल अस्पताल के ट्रॅामा सेंटर को भी खाली कराया जाएगा। इसमें 50 आइसोलेशन बेड व 20 आइसीयू बेड की व्यवस्था रहेगी। इस तरह कुल 70 बेड की व्यवस्था की जा रही है।

कैंसर सेंटर में तैयार हो रहा आइसोलेशन वार्ड

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में नवनिर्मित कैंसर सेंटर में 19 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है। जिसमें पांच आइसीयू बेड होंगे। उल्लेखनीय है कि सफदरजंग अस्पताल के 800 बेड की क्षमता वाले सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को भी कोरोना के लिए तैयार किया जा रहा है। डॉक्टर कहते हैं कि इसमें एक हजार से अधिक बेड की व्यवस्था हो सकती है। वहीं दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल में एक हजार व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 400 बेड की व्यवस्था की जाएगी। इन दोंनों अस्पतालों में 200-200 वेंटिलेटर की व्यवस्था करने की योजना है।


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