Delhi: CBI के एक्शन के बाद जागा सफदरजंग अस्पताल प्रशासन, वॉर्ड-ओटी में गैर अधिकृत लोगों के प्रवेश पर लगी रोक
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. बीएल शेरवाल ने शुक्रवार को सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठकर कर पूरे घटना क्रम पर नाराजगी जाहिर की है और अनियमितताओं की रोकथाम के लिए दस सूत्री दिशा निर्देश जारी कर उसका पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। सफदरजंग अस्पताल में इलाज के बदले पैसे मांगे जाने के मामले में सीबीआइ की कार्रवाई के बाद अस्पताल प्रशासन जागा है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. बीएल शेरवाल ने शुक्रवार को सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठकर कर पूरे घटना क्रम पर नाराजगी जाहिर की है और अनियमितताओं की रोकथाम के लिए दस सूत्री दिशा निर्देश जारी कर उसका पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
साथ ही अस्पताल के वार्ड, आपरेशन थियेटर (ओटी), कैथ लैब, स्टोर इत्यादि महत्वपूर्ण जगहों पर गैर अधिकृत लोगों, दवा कंपनियों व चिकित्सा सामान उपलब्ध कराने वाले वेंडरों के प्रतिनिधियों के अनधिकृत प्रवेश पर रोक लगा दी है। आदेश में कहा गया है कि अस्पताल में इलाज व जांच की सुविधा निशुल्क है। इसलिए इलाज व जांच के लिए मरीजों से पैसे की मांग नहीं की जा सकती है। अस्पताल में जिस जांच की सुविधा उपलब्ध है उसकी जांच बाहर निजी डायग्नोस्टिक लैब से कराने के लिए डाक्टर सलाह नहीं दे सकते। अस्पताल प्रशासन ने एक कमेटी गठित की है, जो वार्ड, ओटी कैथ लैब, स्टोर इत्यादि जगहों का औचक निरीक्षण कर अनियमितताओं पर नजर रखेगी।
साथ ही डाक्टरों को दवा कंपनियों व वेंडरों से किसी प्रकार का उपहार न लेने का सख्त निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सीबीआइ ने अस्पताल में छापेमारी कर न्यूरो सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. मनीष रावत को गिरफ्तार किया है।
अस्पताल द्वारा जारी निर्देश-
- -सभी विभागाध्यक्ष व स्टोर प्रभारी वार्ड, ओटी, कैथलैब व स्टोर में गैर अधिकृत लोगों के प्रवेश पर रोक के दिशा निर्देश पर अमल सुनिश्चित कराएंगे। सुरक्षा कर्मी अनधिकृत प्रवेश करने वाले लोगों पर नजर रखेंगे और वे ऐसे किसी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने देंगे।
- -सर्जरी, जांच व किसी प्रकार के कंज्यूमेबल के लिए मरीजों से पैसों की मांग नहीं की जा सकती है।
- -सभी विभागाध्यक्ष एक वर्ष की जरूरत को ध्यान में रखते हुए दस दिन में कंज्यूमेबल, जरूरी दवाओं, इंप्लांट्स, सर्जिकल डिस्पाजेबल इत्यादि का मांग पत्र भेजेंगे। ताकि जरूरी चिकित्सा सामान खरीदे जा सकें।
- -अस्पताल में उपलब्ध जांच बाहर से कराने के लिए डाक्टर मरीज को सलाह नहीं देंगे। गंभीर मरीजों की 24 घंटे जांच की सुविधा रेडियोलाजी के विभागाध्यक्ष को सुनिश्चित करना होगा।
- -अस्पताल में इलाज व जांच निशुल्क होने का जगह-जगह नोटिस लगाया जाएगा।
- -विभागाध्यक्ष कर्मचारियों व डाक्टरों से अनुशासन सुनिश्चित कराएंगे।
- -सभी विभागाध्यक्ष अपने विभाग के डाक्टरों व कर्मचारियों के साथ बैठकर कर चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन कराएंगे। विभाग में किसी तरह की गड़बड़ी व अनियमितता की जानकारी चिकित्सा अधीक्षक को देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर यदि बाद में किसी तरह की नियमितता पाई गई तो इसके लिए विभागाध्यक्ष जिम्मेदार ठहराए जाएंगे।
- - कोई भी डाक्टर दवा कंपनियों व वेंडर से कोई उपहार व मुफ्त सामान नहीं लेंगे। दवा कंपनियों व वेंडर से मुफ्त का सामान लेने पर कार्रवाई होगी।
- - ड्यूटी खत्म होने के बाद कोई कर्मचारी बगैर स्वीकृति के अस्पताल के महत्वपूर्ण जगहों पर मौजूद नहीं रहेंगे।
- -अस्पताल प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ओटी, कैथ लैब, स्टोर इत्यादि जगहों की औचक जांच करेगी।