दिल्ली के करोलबाग में बैंक स्ट्रीट पार्किंग बनने का रास्ता साफ, वर्षो से लंबित थी योजना
आम आदमी पार्टी(आप) के विरोध के बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के अनुसार निगम बैंक स्ट्रीट में 4115 वर्ग मीटर भूमि निजी कंपनी को उपलब्ध कराएगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। करोलबाग में वर्षो से लंबित बैंक स्ट्रीट पार्किंग को बनाने का रास्ता साफ हो गया है। आम आदमी पार्टी(आप) के विरोध के बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के अनुसार निगम बैंक स्ट्रीट में 4115 वर्ग मीटर भूमि निजी कंपनी को उपलब्ध कराएगा। इसके लिए यह कंपनी निगम को 180 करोड़ का भुगतान करेगी। इसके साथ ही 500 वाहनों की जो पार्किंग बनेगी, उसमें से 75 प्रतिशत पार्किंग का उपयोग निगम करेगा। इस पार्किंग के संचालन पर निगम का हक होगा, साथ ही इससे होने वाली आय पर भी।
उत्तरी निगम बैंक स्ट्रीट पर पार्किंग बनाने की योजना लंबे समय से चल रही थी। निगम ने बैंक स्ट्रीट के साथ ही शास्त्री पार्क, ओल्ड राजेंद्र नगर और पूसा लेन में पार्किंग निजी भागीदारी के माध्यम से बनाने के लिए निविदा जारी की थी। इसमें केवल बैंक स्ट्रीट की निविदा प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई है। चांदनी चौक के गांधी मैदान में जो कंपनी पार्किंग कम शापिंग कांप्लेक्स बना रही है, वहीं कंपनी बैंक स्ट्रीट को बनाएगी। इसमें निगम को 180 करोड़ का राजस्व मिलेगा। इसमें 18 करोड़ की राशि निगम को प्राप्त भी हो गई है।
उल्लेखनीय है कि निगम ने इस पार्किंग को बनाने के लिए भगवती मार्केट की कई दुकानों पर नोटिस लगाए थे और दुकानों को सील कर दिया था। निगम का कहना था कि इन दुकानों के मालिकों को दूसरी जगह पर स्थानांतरित कराया गया है। इसके बावजूद वे यहां पर अतिक्रमण करके बैठे हैं। हालांकि दुकानदारों ने निगम के ऊपर मनमर्जी का आरोप लगाते हुए निगम की कार्रवाई को गलत ठहराया था।
करोलबाग में अजमल खां मार्ग को वाहन मुक्त किए जाने के बाद बहुमंजिला पार्किंग की मांग की जा रही है। ऐसे में जब यह पार्किंग बनकर तैयार हो जाएगी तो यहां पर खरीदारी करने आने वाले लोगों को काफी सहूलियत होगी।
सड़कों की खोदाई में निगम ने टेलीकाम कंपनियों से लिए जाने वाले शुल्क में कटौती कर दी है। स्थायी समिति ने इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूर करते हुए वर्तमान शुल्क 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर के शुल्क को 200 रुपये कर दिया है। दरअसल, टेलिकाम कंपनियों ने इस संबंध में टेलीकाम रेगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया(ट्राइ) ने निगम से इन शुल्क में कटौती का आग्रह किया था। इसके बाद निगम ने इस शुल्क में कटौती का फैसला ले लिया है।
- वहां पर लंबे समय से लोग पार्किंग की सुविधा का इंतजार कर रहे हैं। निगम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है कि वह खुद इस पार्किग को बना ले। इसके लिए हम निजी कंपनी के माध्यम से इस पार्किंग को बनवाकर लोगों को सुविधा देंगे। जोगीराम जैन, अध्यक्ष, स्थायी समिति, उत्तरी दिल्ली नगर निगम
- कोई भी संपत्ति बेची जानी नहीं चाहिए। पार्किंग के लिए हमारा विरोध नहीं है। हमारा विरोध संपत्ति को बेचा जाना नहीं चाहिए। निगम ने पूरी जानकारी भी विपक्ष के सदस्यों को उपलब्ध नहीं कराई थी, लेकिन सत्तापक्ष ने बहुमत के चलते प्रस्ताव को पास करा लिया। हम इसका विरोध करते हैं। विक्की गुप्ता, मनोनीत सदस्य आप, स्थायी समिति।