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Delhi Riots: दंगे में कुल 751 एफआइआर दर्ज और 1571 लोग हुए गिरफ्तार, जानें पूरा हाल

Delhi Riots update दिल्‍ली दंगे में अभी तक कुल 750 से ज्‍यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं 1571 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 06:19 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 06:19 PM (IST)
Delhi Riots: दंगे में कुल 751 एफआइआर दर्ज और 1571 लोग हुए गिरफ्तार, जानें पूरा हाल
Delhi Riots: दंगे में कुल 751 एफआइआर दर्ज और 1571 लोग हुए गिरफ्तार, जानें पूरा हाल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Riots update: फरवरी महीने में हुए दिल्ली दंगों में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने बुधवार को पूर्वी दिल्ली स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें दंगों के आरोपितों पर कई संगीन आरोप लगे हैं।

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अभी तक कुल 751 एफआइआर दर्ज की है

पुलिस आयुक्त श्रीवास्तव ने पत्र में लिखा कि दंगों में कुल 751 एफआइआर दर्ज की गई है। इतनी बड़ी संख्या में एफआइआर दर्ज होना दिल्ली पुलिस के निष्पक्ष व्यवहार के इरादे को दर्शाता है। पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय की शिकायतों पर 410 से अधिक एफआइआर दर्ज की, जबकि दूसरे समुदाय के द्वारा 190 से अधिक एफआइआर दर्ज की गई है। वहीं, अन्य मुकदमे दैनिक डायरी प्रविष्टियों के आधार पर पंजीकृत किए गए थे।

कितनी हुई गिरफ्तारी

बिना किसी भेदभाव के 1571 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। जघन्य अपराधों में गिरफ्तार होने वालों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कई मामलों में चार्जशीट दायर की गई है, जबकि कई अन्य में जांच अभी भी जारी है।

वहीं दिल्ली में भड़के दंगे के मामले में राजनीति से इतर एक अजब सा मोड़ तब आ गया जब दो सीनियर पुलिस अधिकारी आमने-सामने आ गए। दंगे में जांच पर सवाल उठाने वाले हैं मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त जूलियो रिबेरो वहीं उनको जवाब देने वाले हैं दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव। आइए जानते हैं ऐसा क्‍या हुआ जिसके कारण दोनों आमने सामने आ गए हैं।

सवाल उठाने पर मिला पत्र से जवाब

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की जांच पर सवाल उठाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त जूलियो रिबेरो को दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने पत्र लिखा है। 12 सितंबर को रिबेरो की ओर से मिले पत्र के जवाब में श्रीवास्तव ने लिखा है कि दिल्ली पुलिस ने बगैर जाति-धर्म देखे निष्पक्ष तरीके से कर्रवाई की है। उम्मीद है एक अनुभवी पुलिस अधिकारी के रूप में आप कार्रवाई से सहमत होंगे। कोर्ट में मामला होने के कारण लोगों के पास अभी तक सीमित जानकारी है। ऐसे में अभी कोई भी सही निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता। उन्होंने रिबेरो को आश्वासन देते हुए लिखा है कि दिल्ली पुलिस संवेदनशीलता के साथ संविधान की सेवा कर रही है। बावजूद इसके यदि कोई संदेह है तो वह उसको दूर करने के लिए तैयार हैं।

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