Delhi Riots: शरजील को साथी कैदियों से जान का खतरा, अलग वैन से कोर्ट ले जाने की गुहार
संविधान और राष्ट्रपिता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। देश में सरकार के प्रति घृणा व असंतोष पैदा करने का प्रयास किया था। शरजील इमाम ने सभी खतरों को देखते हुए उसे अलग वैन में कोर्ट लाने का निर्देश जेल अधिकारियों को दिया जाए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे से पहले भड़काऊ भाषण देने के मामले में राजद्रोह के आरोपित जेएनयू छात्र शरजील इमाम को साथी कैदियों से खतरा महसूस हो रहा है। उसने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत से कहा कि कोर्ट आते वक्त वैन में उसे साथी कैदियों के तानों और कई तरह के खतरों का सामना करना पड़ता है। उसने आग्रह किया कि इन खतरों को देखते हुए उसे अलग वैन में कोर्ट लाने का निर्देश जेल अधिकारियों को दिया जाए। इस पर कोर्ट ने उसे अलग वैन में जेल लाने का आदेश दे दिया है।
दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया, फिर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), बंगाल के आसनसोल व बिहार के गया में नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा दर्ज किया था।
आरोपपत्र में पुलिस ने दावा किया था कि शरजील ने गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के लिए लोगों को भड़काने के अलावा उत्तर पूर्वी राज्यों को देश से अलग काटने की मंशा जाहिर की थी। संविधान और राष्ट्रपिता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। देश में सरकार के प्रति घृणा व असंतोष पैदा करने का प्रयास किया था। इस मामले में कोर्ट ने पिछली 24 जनवरी को शरजील के खिलाफ राजद्रोह का आरोप तय करते हुए टिप्पणी की थी कि उसने भाषणों से भारत की अखंडता और संप्रभुता को चुनौती दी थी।