Delhi Violence Case: पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलिता की जमानत पर फैसला सुरक्षित
दंगा मामले में आरोपित पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य देवांगना कलिता की जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Violence Case: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए दंगा मामले में आरोपित पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य एवं जेएनयू छात्रा देवांगना कलिता (Devangana Kalita) की जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई। इस दौरान न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने पुलिस को कहा कि जब दिवांगना कलिता भीड़ को भड़का रही थी, तो उसकी कोई वीडियो है तो दिखाएं। ऐसी कोई भी वीडियो होने से पुलिस ने इनकार किया।
पुलिस की तरफ से हाई कोर्ट को बताया गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिल्ली में कार्यक्रम को प्रभावित करने के लिए यह दंगों की साजिश रची गई थी। वहीं देवांगना की तरफ से दलील दी गई कि वह कोई राजनेता नहीं है, बल्कि एक छात्रा है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया।
देवांगना ने निचली अदालत के फैसले को दी है चुनौती
देवांगना ने निचली अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। दिल्ली दंगा समेत अन्य मामले में दिल्ली पुलिस ने कलिता व पिंजड़ा तोड़ ग्रुप की सदस्य नताशा नरवाल को गिरफ्तार किया था। इन पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें दंगा, हत्या का प्रयास समेत अन्य धाराएं शामिल हैं। इसके अलावा दंगों में कथित रूप से पूर्व-निर्धारित साजिश का हिस्सा होने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की हो गई थी मौत
बता दें कि फरवरी माह में सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने कई उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। दिवांगना कलिता पर भी मामला दर्ज कर आरोपित बनाया गया था।
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