Delhi Violence: अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के खिलाफ याचिका वापस
Delhi Violence दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से कहा कि दंगे से संबंधित सभी मामलों जवाब को समायोजित कर पेश करे।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली दंगे के मामले में आपत्तिजनक बयान देने को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद प्रवेश वर्मा व भाजपा नेता कपिल मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की मांग को लेकर दायर याचिका को हर्ष मंदर ने वापस ले लिया है। हर्ष मंदर की तरफ से अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि हाई कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि मामले को पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट में उठाना चाहिए, ऐसे में अदालत के सुझाव को मानते हुए अब मामले को निचली अदालत के समक्ष उठाएंगे। इस पर पीठ ने हर्ष मंदर को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
पीठ ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से कहा कि दंगे से संबंधित सभी मामलों जवाब को समायोजित कर पेश करे। पीठ ने इसके साथ ही इससे संबंधित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई 3 अगस्त के लिए स्थगित कर दी है। इसके अलावा पीठ ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाली अजय गौतम की याचिका पर दिल्ली पुलिस से अपना पक्ष रखने को कहा है। याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भी इन प्रदर्शनों के पीछे गहरी साजिश को लेकर अपना जवाब दाखिल किया है। इन मामलों में अकेले दिल्ली पुलिस की जांच पर्याप्त नहीं है। इस गहरी साजिश की एनआइए जांच जरूरी है।
गौरतलब है कि फरवरी महीने में हुए दंगों के दौरान 50 से अधिक लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इसी के साथ ही हजारों वाहनों में आग लगाने के साथ स्कूल तक को फूंक दिया गया था। इस दंगों में 2 सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों ने भी अपनी जांच गवाई है। इनमें इंटैलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा भी शामिल हैं, जिन्हें हिंसक भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था।