Delhi Riots: दंगा पीड़ित को ढूंढ न सकी पुलिस, आरोपित को कोर्ट ने दी जमानत
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आरोपित को 15 हजार रुपये के निजी मुचलके एवं इतनी ही जमानती राशि पर सशर्त जमानत दी है।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। उत्तरी पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए दंगों में घायल एक युवक को पुलिस कई महीने बाद भी ढूंढ नहीं सकी। पीड़ित के न मिलने पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने आरोपित युवक इमरान को जमानत दे दी। कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि पुलिस ने खुद कहा है कि घटना के वक्त पीड़ित ने जो अपना पता और फोन नंबर बताया था वह गलत था। इसी को आधार मनाते हुए कोर्ट ने आरोपित को जमानत दे दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आरोपित को 15 हजार रुपये के निजी मुचलके एवं इतनी ही जमानती राशि पर सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने आरोपित से कहा है कि वह बिना अनुमति के दिल्ली से बाहर नहीं जाएगा। पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि गत 25 फरवरी को कबीर नगर इलाके में दंगे हो रहे थे, दंगाईयों ने 28 वर्षीय राहुल नाम के युवक को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
पीड़ित ने लिखवाया था गलत पता
दंगों की वजह से मौके पर पीड़ित के बयान दर्ज नहीं किए जा सके थे। पीड़ित को अस्पताल में भर्ती करवाकर सका नाम व पता पुलिस ने दर्ज कर लिया। दंगे थमने के बाद पीड़ित के दिए हुए पते पर जब पुलिस पहुंची तो पता चला उसने जो पता लिखवाया था वह गलत था। वारदात के एक महीने के बाद कांस्टेबल सतीष ने दंगाई की पहचान इमरान के रूप में की।
इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ दंगा करने व हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि आरोपित के खिलाफ कोई मुख्य गवाह नहीं है, न ही उसके पास से किसी तरह की बरामदगी हुई है। इसलिए कोर्ट आरोपित को जमानत दे रही है।
बता दें कि उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे। इस मामले में कई आरोपितों की गिरफ्तारी भी हुई थी।
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