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Delhi Riots 2020: लूटपाट और तोड़फोड़ के मामलों में दो आरोपितों को मिली जमानत

Delhi Riots 2020दिल्ली दंगे में गोकलपुरी इलाके में ज्वेलरी की दुकान लूटने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने परवेज और शाहनवाज को जमानत दी है। वहीं घरों और कार में तोड़फोड़ करने के तीन मामलों में आरोपित अमन उर्फ अमर उर्फ सूर्या की जमानत अर्जी स्वीकृत हुई है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 08:10 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 08:10 AM (IST)
Delhi Riots 2020: लूटपाट और तोड़फोड़ के मामलों में दो आरोपितों को मिली जमानत
गोकलपुरी इलाके में ज्वेलरी की दुकान लूटने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने परवेज और शाहनवाज को जमानत दी है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे में गोकलपुरी इलाके में ज्वेलरी की दुकान लूटने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने परवेज और शाहनवाज को जमानत दी है। वहीं घरों और कार में तोड़फोड़ करने के तीन मामलों में आरोपित अमन उर्फ अमर उर्फ सूर्या की जमानत अर्जी स्वीकृत हुई है।

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गत वर्ष 24 फरवरी को गोकलपुरी इलाके में चमन पार्क मुख्य ब्रजपुरी रोड गली नंबर-एक में दंगाइयों ने ज्वेलरी की दुकान में आग लगा दी थी। आरोप यह भी था कि दंगाई 20 तोला सोना और एक किलो चांदी लूट कर ले गए। इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के कोर्ट में आरोपित परवेज और शाहनवाज की जमानत अर्जी पर सुनवाई।

बचाव पक्ष के वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि इस मामले में सात आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। उसी आधार पर इन दोनों को जमानत दी जाए। वहीं वरिष्ठ लोक अभियोजक जमानत अर्जियों का विरोध करते हुए कहा कि अपराध में इन दोनों की भूमिका बाकी आरोपितों से भिन्न है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपितों को जमानत दे दी।

वहीं खजूरी खास इलाके में दो घर और एक कार में तोड़फोड़ करने के तीन मामलों में मुख्य महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट ने आरोपित अमन उर्फ अमर उर्फ सूर्या को 15-15 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की प्रतिभूति पर जमानत दे दी। हालांकि इस मामले से जुड़े जांच अधिकारी ने कोर्ट में पक्ष रखा था कि आरोपित बाहर निकलने पर शिकायतकर्ता और गवाहों को डरा व धमका सकता है।

वह कई अन्य मामलों में आरोपित है, ऐसे में उसके फरार होने की संभावना है। इनमें से दो मामलों में वरिष्ठ लोक अभियोजक ने भी जमानत अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र भी दायर हो चुका है। ट्रायल में लंबा वक्त लगेगा, ऐसे में आरोपित को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।


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