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दिल्ली दंगा : आरोपपत्र की प्रतियां न देने पर कोर्ट ने जांच अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण

दिल्ली दंगे के दौरान दयालपुर इलाके में हिंसा के दो मामलों में मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन उसके भाई शाह आलम समेत 13 आरोपितों को आरोपपत्र की प्रतियां न देने के मामले में कड़कड़डूमा स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दिनेश कुमार की कोर्ट ने जांच अधिकारियों को फटकार लगाई है।

By Edited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 08:18 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 12:54 PM (IST)
दिल्ली दंगा : आरोपपत्र की प्रतियां न देने पर कोर्ट ने जांच अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
ताहिर हुसैन, तनवीर मलिक, गुलफाम, नाजिम, कासिम और शाह आलम को आरोपित बनाया गया था।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे के दौरान दयालपुर इलाके में ¨हसा के दो मामलों में मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन, उसके भाई शाह आलम समेत 13 आरोपितों को आरोपपत्र की प्रतियां न देने के मामले में कड़कड़डूमा स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दिनेश कुमार की कोर्ट ने जांच अधिकारियों को फटकार लगाई है। नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि कई मामलों में देखने में आया है कि जांच अधिकारी आदेश के बावजूद नियत समय पर आरोपपत्र की प्रतियां उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। जिससे कार्रवाई में देरी हो रही है।

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कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को आदेश देते हुए कहा है कि वह सभी जांच अधिकारियों को निर्देश जारी करें कि वह आरोपितों को समय से आरोपपत्र की प्रतियां मुहैया कराएं। गत फरवरी में दयालपुर इलाके में हिंसा हुई थी। उसमें कई घर और दुकानों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई थी। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। ऐसे ही एक मामले में ताहिर हुसैन, तनवीर मलिक, गुलफाम, नाजिम, कासिम और शाह आलम को आरोपित बनाया गया था।

इस मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दायर हो चुका है। कोर्ट इस मामले में संज्ञान ले चुकी है। लेकिन आरोपितों ने कोर्ट से कहा कि उन्हें अब तक आरोपपत्र की प्रति नहीं दी गई है। दयालपुर इलाके में हुई ¨हसा के एक अन्य मामले में दर्ज मुकदमे में शाह आलम, राशिद सैफी, मुहम्मद शादाब, हबीब, इरफान, सुहैल, सलीम उर्फ आशु और इरशाद आरोपित हैं। इनमें से कई आरोपितों को भी आरोपपत्र की प्रति नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने जांच अधिकारियों को फटकार लगाई है।

यहां पर बता दें कि फरवरी महीने में हुए दंगों में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इतना ही नहीं, सैकड़ों वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था और एक पेट्रोल पंप के साथ स्कूल को भी जला दिया गया था।

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